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आरोपियों को आखिर क्यों बचा रही है पुलिस?
भीलवाड़ा/ शहर में करोड़ों रुपये के कपड़ा घोटाले मामले में पुलिस की धीमी कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि सीजेएम कोर्ट में मूल दस्तावेज जमा कराने के एक माह बाद भी सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, जबकि सेशन कोर्ट द्वारा आरोपियों की अग्रिम जमानत पहले ही खारिज की जा चुकी है।
पीड़ित मुकेश जागेटिया का कहना है कि 18 महीने पहले दर्ज मामले में नामजद सातों आरोपी न केवल खुलेआम घूम रहे हैं बल्कि 4 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति, मकान, प्लॉट, जमीन, लग्जरी कारेंकृअपने नाम और अन्य नामचीन व्यापारियों के नाम पर खरीदी हुई है। आरोप है कि इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में कई प्रतिष्ठित व्यापारी भी शामिल हैं।
जागेटिया का कहना है कि पुलिस अधीक्षक को 7-8 बार परिवाद देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जबकि पुलिस के पास 2,36,52,659 रुपये की प्रमाणित राशि की कॉपी पूर्व थाना अधिकारी राजपाल सिंह द्वारा पहले ही एसपी और आईजी को सौंपी जा चुकी है। अनुसंधान भी 13 जुलाई 2024 को पूरा हो चुका है, बावजूद इसके गिरफ्तारी टाल दी गई।
पीड़ित का आरोप है कि थानाधिकारी बार-बार 91 का नोटिस देकर परेशान कर रहे हैं और ऑडिट रिपोर्ट मांग रहे हैं, जबकि दोनों फर्मोंकृमान्यवर सिल्क मिल्स और फैशन क्यू टेक्स प्रा. लि.की ऑडिट आरोपियों द्वारा करवाई जा चुकी है। उनका कहना है कि सातों आरोपियों के बैंक खातों में 4.95 करोड़ रुपये जमा होने के प्रमाण मौजूद हैं, लेकिन फिर भी कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया।
जागेटिया ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व थाना अधिकारी राजपाल सिंह की मौजूदगी में मुख्य आरोपी भंवर सिंह कानावत और निर्मल विश्नोई ने अपनी गलती स्वीकार की थी, लेकिन उसके बाद से ही आरोपियों को बचाने का खेल शुरू हो गया। उनका कहना है कि पुलिस को आशंका है कि गिरफ्तारी और रिमांड के दौरान अन्य बड़े व्यापारियों और ग्राहकों के नाम उजागर हो सकते हैं, इसीलिए कार्रवाई टाली जा रही है।
पीड़ित जागेटिया ने मांग की है कि 70 से 75 संदिग्ध व्यक्तियों के बैंक और डिमेट अकाउंट की जांच होनी चाहिए, क्योंकि चोरी के माल की बिक्री के पैसे इन्हीं खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मामले में उच्च न्यायालय और उच्च पुलिस अधिकारियों के आदेशों की भी अनदेखी की जा रही है।
खबर लिखे जाने तक पीड़ित जागेटिया ने यह पुष्टि की है कि थाना अधिकारी गजेन्द्र सिंह नरूका से मेरी व मेरे वकील आशीष शर्मा एवं अमित त्रिवेदी की 12 अगस्त 2025 को सायंकाल मंे मुलाकात हुई। इस दौरान श्री नरूका ने कहा कि घोटाला तो हुआ है पर हम अभी पूरे नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं, हम सीए की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उसके आने के बाद ही आरोपियों की गिरफ्तारी होगी।
अब देखना यह होगा कि पुलिस पर उठ रहे इन सवालों के बीच क्या कार्रवाई होती है या मामला इसी तरह लंबित रखा जाता है।