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भीलवाड़ा/मुलाकात कर कॉटन आयात में लगने वाले आयात शुल्क को कुछ समय के लिए समाप्त करने पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए छूट की अवधि को एक महीने या उससे अधिक समय के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया ताकि छूट का अपेक्षित लाभ कपड़ा उद्योग को मिल सके। उन्हें उद्योग में व्याप्त संकट और लागत प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार हेतु उपायों की तत्काल आवश्यकता से अवगत कराया गया। प्रतिनिधिमण्डल में मेवाड़ चैम्बर के पूर्वाध्यक्ष एवं सीआईटीआई के उपाध्यक्ष दिनेश नौलखा, टेक्सप्रोसिल के उपाध्यक्ष रवि सैम, सीआईटीआई के महासचिव वेंकट रामराज सम्मिलित थे।
दिनेश नौलखा ने बताया कि ट्रंप टैरिफ को ध्यान में रखते हुए टेक्ससटाइल निर्यातकों की लागत को कम करने के लिए सरकार ने कॉटन आयात पर लगने वाले शुल्क को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया है। अभी कॉटन आयात पर बेसिक सीमा शुल्क एवं अन्य प्रकार के सेस को मिलाकर 11 प्रतिशत का शुल्क लगता है। सरकार ने वर्तमान में जारी आदेश से 19 अगस्त से लेकर 30 सितम्बर तक सभी शुल्क को समाप्त कर दिया गया है। प्रतिनिधिमण्डल ने इस छूट की सीमा को अक्टूबर माह के अन्त तक बढ़ाने की अनुरोध किया। नवम्बर माह से भारत में नया कॉटन सीजन प्रारम्भ होकर खेतों से कपास आना प्रारम्भ हो जाता है।
उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री से जीएसटी युक्तिकरण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। वित्त मंत्री ने टेक्सटाइल उद्योग की चिंताओं को ध्यानपूर्वक सुना और मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया।