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‘राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट-2025’ वस्त्र उद्योग के लिए ये रही विशेषताएं
By Textile Mirror - 02-06-2025

नई दिल्ली/ राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 भारत सरकार के उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से आयोजित एक महत्वपूर्ण आयोजन है। यह समिट 23-24 मई, 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में निवेश और व्यापार की संभावनाओं को प्रदर्शित करना, क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना, और इसे आसियान तथा बिम्सटेक देशों के लिए एक विनिर्माण और सेवा केंद्र के रूप में स्थापित करना है। यह समिट भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके तहत उत्तर पूर्वी क्षेत्र को दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में विकसित किया जा रहा है।
‘राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट-2025’ में वस्त्र, हथकरघा, और हस्तशिल्प क्षेत्र को उत्तर पूर्वी क्षेत्र की आर्थिक प्रगति और वैश्विक बाजार में इसकी पहचान बढ़ाने के लिए एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में प्राथमिकता दी गई। इस क्षेत्र में समिट के दौरान निम्नलिखित विशेष पहलुओं और अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पूर्वाेत्तर को ‘आठ लक्ष्मी’ के रूप में संबोधित किया और क्षेत्र में आत्मविश्वास, कनेक्टिविटी और वाणिज्य को बढ़ावा देने की बात कही।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पूर्वाेत्तर को भारत के विकास का नया इंजन बताया और निवेशकों से क्षेत्र की क्षमताओं का लाभ उठाने का आह्वान किया।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अगरतला में एक अत्याधुनिक डेटा सेंटर की स्थापना की घोषणा की, जो पूर्व और पूर्वाेत्तर भारत के लिए डिजिटल हब के रूप में कार्य करेगा।
केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने पूर्वाेत्तर में खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष ‘खेलो इंडिया नॉर्थ ईस्ट गेम्स’ आयोजित करने की घोषणा की।
प्रमुख घोषणाएँ -
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने पूर्वाेत्तर भारत में  75,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की, जिसमें डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी और स्टार्टअप्स पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने क्षेत्र को ‘सिंगापुर जैसी सफलता’ की ओर अग्रसर करने की बात कही।
अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिब(ता जताई, जो लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा और कनेक्टिविटी परियोजनाओं में उपयोग किया जाएगा।
वेदांता ग्रुप ने 80,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की, जो पूर्वाेत्तर के छह राज्यों में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विस्तार में सहायक होगा।
टाटा, आईटीसी और बिरला ग्रुप सहित अन्य प्रमुख कंपनियों ने भी क्षेत्र में निवेश की रुचि दिखाई, जिससे कुल निवेश प्रस्ताव 1.12 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया।
1. वस्त्र क्षेत्र में निवेश के अवसर- 
पारंपरिक हथकरघा और हस्तशिल्प- उत्तर पूर्वी क्षेत्र अपनी समृ( सांस्कृतिक विरासत और अनूठे हथकरघा उत्पादों, जैसे असम का मूंगा रेशम, मणिपुर का फनेक, और नगालैंड के पारंपरिक शॉल, के लिए प्रसि( है। समिट में इन उत्पादों को वैश्विक बाजार में बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित किया गया। 
आधुनिक वस्त्र उद्योग- रेडीमेड गारमेंट्स, तकनीकी वस्त्र, और डिजाइनर परिधानों के लिए निवेश के अवसरों को प्रदर्शित किया गया। क्षेत्र में सस्ती श्रम शक्ति और प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता इसे वस्त्र विनिर्माण के लिए उपयुक्त बनाती है। 
बांस-आधारित वस्त्र- उत्तर पूर्व में बांस की प्रचुरता को देखते हुए, बांस फाइबर से बने पर्यावरण-अनुकूल वस्त्रों के उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। यह क्षेत्र टिकाऊ फैशन के लिए एक केंद्र बन सकता है।
2. सरकारी नीतियां और प्रोत्साहन- उत्तर पूर्व औद्योगिक विकास योजना- समिट में वस्त्र क्षेत्र के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाओं, जैसे कर छूट, पूंजी सब्सिडी, और परिवहन लागत में राहत, की जानकारी दी गई। 
हथकरघा संवर्धन योजनाएं- केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा हथकरघा बुनकरों के लिए प्रशिक्षण, तकनीकी उन्नयन, और बाजार पहुंच को बढ़ावा देने की योजनाएं प्रस्तुत की गईं। 
एक्सपोर्ट प्रमोशन- क्षेत्र के वस्त्र उत्पादों को आसियान और बिम्सटेक देशों के बाजारों में निर्यात करने के लिए विशेष रणनीतियां और साझेदारियां स्थापित की गईं।
3. प्रदर्शनियां और बी2बी मीटिंग्स-  समिट में उत्तर पूर्वी राज्यों द्वारा वस्त्र और हथकरघा प्रदर्शनियां आयोजित की गईं, जहां स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया। यह निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से उत्पादों की गुणवत्ता और संभावनाओं का आकलन करने का अवसर प्रदान करता है। 
बिजनेस-टू-बिजनेस  मीटिंग्स- वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों, डिजाइनरों, और निर्यातकों के साथ स्थानीय उद्यमियों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए विशेष सत्र आयोजित किए गए।
4. कौशल विकास और तकनीकी नवाचार कौशल प्रशिक्षण- क्षेत्र में कुशल श्रम शक्ति की कमी को दूर करने के लिए वस्त्र और हथकरघा क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया गया। समिट में निजी क्षेत्र से साझेदारी के माध्यम से डिजाइन और उत्पादन तकनीकों में सुधार पर चर्चा हुई। 
डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स- स्थानीय हथकरघा और हस्तशिल्प को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए डिजिटल उपकरणों और ई-कॉमर्स रणनीतियों पर जोर दिया गया।
5. क्षेत्रीय और वैश्विक एकीकरण आसियान और बिम्सटेक बाजार-  उत्तर पूर्व की रणनीतिक स्थिति इसे दक्षिण-पूर्व एशियाई बाजारों के लिए एक आदर्श वस्त्र निर्यात केंद्र बनाती है। समिट में इन बाजारों में प्रवेश के लिए रसद और व्यापार सुविधाओं पर चर्चा की गई। 
सांस्कृतिक ब्रांडिंग- क्षेत्र के वस्त्रों को सांस्कृतिक पहचान के साथ ब्रांडिंग करके वैश्विक फैशन उद्योग में एक विशिष्ट स्थान बनाने की रणनीति प्रस्तुत की गई।
6. पर्यावरण और टिकाऊ विकास- समिट में पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ वस्त्र उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया गया। बांस और प्राकृतिक रंगों से बने वस्त्रों को बढ़ावा देकर क्षेत्र को ग्रीन टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करने की योजना बनाई गई। जैविक कपास और रेशम उत्पादन में निवेश को प्रोत्साहित किया गया, जो वैश्विक टिकाऊ फैशन की मांग को पूरा कर सकता है।
7. चुनौतियां और समाधान 
चुनौतियां- हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों और डिजाइनों का अभाव। सीमित बाजार पहुंच और ब्रांडिंग की कमी। बुनियादी ढांचे और रसद की चुनौतियां, जो निर्यात को प्रभावित करती हैं।
समाधान- डिजाइन और तकनीकी नवाचार के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी। डिजिटल मार्केटप्लेस और निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं का उपयोग। रसद और परिवहन बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा देना।
निष्कर्ष- राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 में वस्त्र क्षेत्र को उत्तर पूर्वी क्षेत्र की आर्थिक और सांस्कृृतिक क्षमता को वैश्विक मंच पर ले जाने का एक प्रमुख अवसर माना गया। पारंपरिक हथकरघा, बांस-आधारित टिकाऊ वस्त्र, और आधुनिक वस्त्र विनिर्माण के संयोजन से यह क्षेत्र वैश्विक फैशन और टेक्सटाइल उद्योग में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कर सकता है। समिट ने निवेशकों, कारीगरों, और नीति निर्माताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर क्षेत्र के वस्त्र उद्योग को एक नए स्तर पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।

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