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भारत एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया बयान कि ‘यह युग परिवर्तन की आहट है’, केवल एक राजनैतिक वक्तव्य नहीं बल्कि एक गहरी दृष्टि का परिचायक है। यह वाक्य इस बात की पुष्टि करता है कि भारत न केवल अपनी पुरानी व्यवस्थाओं को सशक्त बना रहा है बल्कि नए भविष्य की नींव भी रख रहा है। तकनीक, अर्थव्यवस्था, वैश्विक राजनीति, आत्मनिर्भरता, और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के क्षेत्रों में भारत की मजबूत प्रगति इस युग परिवर्तन की गवाही देती है।
मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई ‘आत्मनिर्भर भारत’, मेक इन इंडिया और उत्पादन , स्टार्टअप और नवाचार का युग, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और फिनटेक क्रांति, वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती भूमिका, जी20 की अध्यक्षता और कूटनीति, रक्षा और अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उदय इत्यादि महत्वपूर्ण घटनाएं है जो युग परिवर्तन की आहट देते हैं। इसके अलावा अंतरिक्ष क्षेत्र में भी भारत ने अद्भुत् प्रगति की है। चंद्रयान-3 और गगनयान मिशन जैसी परियोजनाएँ न केवल भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बना रही हैं, बल्कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर रही हैं।
साथ ही सामाजिक परिवर्तन और भारत का सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अन्तर्गत महिलाओं की सशक्त भागीदारी, सांस्कृतिक पुनरुत्थान के जरिए भारत अपनी सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित कर रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत के पुनर्जागरण के रूप में भी देखा जा सकता है। योग, आयुर्वेद और भारतीय भाषाओं का पुनरुत्थान भी इसी परिवर्तन का हिस्सा है।
साथ ही साथ पर्यावरण और सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अक्षय ऊर्जा और हरित भारत, जल संरक्षण और स्मार्ट शहर के तहत जल जीवन मिशन और स्मार्ट सिटी योजनाएँ भारत के शहरी और ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं। इससे जल संकट से निपटने और शहरों को आधुनिक बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कहा गया ‘यह युग परिवर्तन की आहट है’ केवल एक भावनात्मक बयान नहीं, बल्कि भारत के वास्तविक परिवर्तन का प्रतीक है। आज भारत आत्मनिर्भरता, डिजिटल क्रांति, वैश्विक कूटनीति, रक्षा, अंतरिक्ष विज्ञान और पर्यावरणीय बदलाव के क्षेत्रों में अद्भुत प्रगति कर रहा है। इस परिवर्तन को जारी रखने के लिए आवश्यक है कि सरकार, समाज और नागरिक मिलकर इस विकास यात्रा में भाग लें। अगर भारत इसी गति से आगे बढ़ता रहा, तो आने वाले वर्षों में न केवल एशिया बल्कि पूरे विश्व में भारत एक नई महाशक्ति के रूप में उभरेगा।
युग परिवर्तन की यह आहट जल्द ही वास्तविकता में बदलने वाली है। भारत अब केवल एक उभरती हुई शक्ति नहीं, बल्कि भविष्य की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, इस बात से नकारा नहीं जा सकता।