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मालेगांव/ पिछले कुछ हफ्तों में कपास की बढ़त से सूत और कपड़ा बाजार में तेजी देखी गई थी, लेकिन अब बाजार में सुस्ती और भावों में कमजोरी का दौर शुरू हो गया है। सावन में जहां देश के कई हिस्सों में अच्छी बरसात हुई है, वहीं मालेगांव में वर्षा का अभाव बाजार पर असर डाल रहा है। बरसात के मौसम में टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में रंगाई-छपाई और धुलाई का काम सामान्यतः धीमा रहता है, जिससे कारोबारियों पर दबाव बढ़ा है।
सूत बाजार
स्थानीय युवा सूत व्यवसाई राजू सर्राफ का कहना है कि हाल ही में कपास की तेजी ने सूती धागे को मजबूती दी और साथ ही कपड़े के भाव भी बढ़े। इससे आवक में लंबा व्यापार हुआ, लेकिन अब सुधार के संकेत न मिलने पर अगले सात-आठ दिनों में भाव और गिर सकते हैं। रोटो यार्न हाल ही में 126 से घटकर 124 रुपये पर आ गया है।
सूत व्यवसाई पंकज पसारी ने बताया कि रोटो का व्यापार इस समय बिक्री के दबाव में है। एक दौर में क्रूड ऑयल बढ़ने से भावों में तेजी आई थी, लेकिन अब पीसी धागे में आई एकतरफा तेजी के बाद भाव लगातार घट रहे हैं। वहीं सूत व्यवसाई नरेश मोर के अनुसार, भावों में अधिक गिरावट के बाद दो रुपये का सुधार जरूर आया, लेकिन बाजार फिर कमजोर हो गया है।
कपड़ा बाजार
सूत की तरह कपड़ा बाजार में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। व्यवसाई मनोज बाहेती ने बताया कि कपड़ा कारोबार मुख्यतः आवक पर आधारित है। इस समय पोपलीन का व्यापार सामान्य चल रहा है। केम्ब्रीक में 56Û/52 काउंट का कपड़ा इस महीने 25 पैसे प्रति मीटर घट-बढ़ के साथ कारोबार कर रहा है।
व्यापारी मनोज जैन के अनुसार, रोटो कपड़ा अच्छी लेवाली के साथ बिका है। खासतौर पर 61 पना और रिम बॉर्डर वाले कपड़ों में ग्राहकी बढ़ी है। पीसी का कपड़ा भी लंबे समय तक डिमांड में रहा है। दलाल विजय मरदा ने बताया कि इस बार पीसी कपड़े की बिक्री बेहतर रही, लेवाली भी मजबूत रही।
फिलहाल सूत और कपड़ा बाजार में तेजी का दौर थमता नजर आ रहा है। कपास की कीमतों पर आने वाले दिनों का गणित निर्भर करेगा। यदि कपास में मजबूती आई तो सूत और कपड़ा बाजार को सहारा मिलेगा, अन्यथा भावों में और गिरावट संभव है।
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