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बालोतरा/ औद्योगिक क्षेत्र इन दिनों लगातार हो रही बरसात और श्रमिकों की कमी से जूझ रहा है। भारी वर्षा के कारण ग्रे कपड़े पर आधारित वस्त्र उद्योग की गतिविधियां बाधित हो गई हैं। सफेद और रंगीन कपड़े की बड़ी मात्रा इस मौसम की चपेट में आकर खराब हो जाती है। यही कारण है कि कई प्रतिष्ठान इस मौसम में उत्पादन बंद रखना ही उचित समझते हैं, क्योंकि इस दौरान बनने वाले माल में लाभ की तुलना में हानि की आशंका अधिक रहती है। खराब कपड़े को अक्सर ब्लैक डाई में परिवर्तित कर बेचने का प्रयास किया जाता है।
जानकारों का कहना है कि कॉटन वस्त्र निर्माता सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं, जबकि सिंथेटिक वस्त्र उद्योग अपेक्षाकृत सुरक्षित है। सिंथेटिक कपड़े मशीनों पर तैयार होते हैं और उन्हें ग्रे पर सुखाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। फिर भी पेंडिंग ऑर्डर और तैयार माल की अनुपलब्धता सिंथेटिक क्षेत्र में भी दबाव बनाए हुए है।
मौसम की नमी और लगातार वर्षा से औद्योगिक गतिविधियां पूरी तरह से पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। श्रमिकों का बड़ी संख्या में कृषि कार्यों की ओर रुख करना और धार्मिक आयोजनों में भाग लेना उत्पादन पर और असर डाल रहा है। कृकृषकों के अनुसार मौजूदा वर्षा फसलों के लिए वरदान साबित हो रही है, लेकिन इसका सीधा असर उद्योगों में श्रमिकों की उपलब्धता पर पड़ा है।
इस समय बाजार में पोपलीन, पेटीकोट, अस्तर, रूबिया, साड़ी फॉल, पोकेटिंग क्लॉथ, नाइटी क्लॉथ, गमछा, लिजी-बीजी और रेमंड जैसे उत्पादों की मांग बनी हुई है। हालांकि उत्पादन बाधित होने से मांग पूरी नहीं हो पा रही है और ऑर्डर लंबित हैं। व्यापारियों का मानना है कि जैसे ही मौसम सामान्य होगा और श्रमिक दोबारा औद्योगिक कार्यों में लौटेंगे, उत्पादन की गति बढ़ेगी और चालानी स्वतः ही बेहतर हो जाएगी।
इस बीच, जैन समाज के पर्यूषण पर्व के चलते कई उत्पादक धार्मिक साधना और पूजा-पाठ में व्यस्त हैं। इन दिनों कई इकाइयों में उत्पादन स्वेच्छा से रोक दिया जाता है। वहीं, बिठूजा धाम पर बाबा रामदेव के अवतरण दिवस पर आयोजित भव्य मेले में हजारों श्र(ालु शामिल हुए। इसी क्रम में पत्रकार, संपादक और समाजसेवी राजकुमार सिंह भंडारी को श्र(ांजलि सभा में याद किया गया।
औद्योगिक क्षेत्र में मांग तो मजबूत बनी हुई है, परंतु श्रमिकों की कमी और प्रतिकूल मौसम के कारण तैयार माल की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। आने वाले दिनों में मौसम और श्रमिक उपलब्धता पर ही उद्योग की रफ्तार निर्भर करेगी।
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