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नई दिल्ली/ भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच हाल ही में संपन्न हुए मुक्त व्यापार समझौते के परिणामस्वरूप भारतीय टेक्सटाइल कंपनियों के शेयरों में उल्लेखनीय तेजी देखी गई है। इस समझौते के तहत भारतीय वस्त्र और परिधान उत्पादों को ब्रिटेन के बाजार में शून्य शुल्क के साथ प्रवेश मिलेगा, जिससे भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृ(ि होगी।
प्रमुख टेक्सटाइल कंपनियों के शेयरों में उछाल
गोकलदास एक्सपोर्ट्स और केपीआर मिल्स जैसी प्रमुख टेक्सटाइल कंपनियों के शेयरों में 19 प्रतिशत तक की वृ(ि दर्ज की गई है। इसके अलावा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, अंबिका कॉटन, वेलस्पन लिविंग और अरविंद लिमिटेड के शेयरों में भी 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक की तेजी देखी गई है।
निवेशकों का बढ़ता विश्वास
इस समझौते से भारतीय टेक्सटाइल उत्पादों की ब्रिटेन में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे निर्यात में वृ(ि और कंपनियों की लाभप्रदता में सुधार होगा। निवेशकों का विश्वास इस बात से भी बढ़ा है कि भारतीय उत्पाद अब बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा में बेहतर स्थिति में होंगे।
सरकारी पहल और भविष्य की संभावनाएं
भारत सरकार द्वारा टेक्सटाइल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम, जैसे कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन पीएलआई योजना और तकनीकी टेक्सटाइल मिशन, इस क्षेत्र के विकास में सहायक सि( हो रहे हैं। इन पहलों के माध्यम से भारत का लक्ष्य 2030 तक टेक्सटाइल निर्यात को 9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है।
सारतः भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते के प्रभाव से भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को वैश्विक बाजार में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर मिला है। निवेशकों का बढ़ता विश्वास और सरकारी समर्थन इस क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करता है।
राज्यवार टेक्सटाइल पॉलिसियों पर एक नजर . . .
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