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भारत में रेकॉर्ड कॉटन आयात बढ़ा दृ 
By Textile Mirror - 03-12-2025

ड्यूटी-मुक्ति और घरेलू उत्पादन में गिरावट का असर
नई दिल्ली/ भारत में कॉटन ;कपासद्ध आयात इस वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि टेक्सटाइल मिलों ने विदेश से सस्ता कपास मंगाने की ओर रुख बढ़ा दिया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2025/26 मार्केटिंग वर्ष में कॉटन आयात लगभग 4.5 मिलियन बैल तक पहुंच सकता है, यह पिछले साल के 4.1 मिलियन बैल से ऊपर है। 
इस वृ(ि का मुख्य कारण है सरकार द्वारा कॉटन आयात पर लगाए गए 11 प्रतिशत टैक्स ;बुनियादी कस्टम ड्यूटी, कृषि अवसंरचना एवं डेवलपमेंट सेस और सामाजिक कल्याण अधिभारद्ध को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा देना। 
 यह टैक्स राहत मिलों को विदेश से सस्ते कपास आयात करने की छूट देती है और उनकी इनपुट लागत को कम करती है। 
दूसरी और, घरेलू कॉटन उत्पादन इस साल 17 साल के निचले स्तर पर गिरने का अनुमान है। 
 स्थानीय उत्पादन में यह कमी कुछ प्रमुख कपास-उत्पादक राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अक्टूबर में हुए असामयिक और भारी बारिश के कारण हुई बताई जा रही है, जिनसे फसल को नुकसान पहुंचा। 
टेक्सटाइल उद्योग के लिए यह आयात वृ(ि दोतरफ़ा असर ला सकती है। एक ओर, यह मिलों को कच्चे माल की लागत कम करने में मदद करेगी और उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाएगी। दूसरी ओर, घरेलू कपास किसानों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन सकती है, क्योंकि विदेशी कपास सस्ता होने की वजह से घरेलू बाज़ार में उनकी फसल की मांग और मूल्य दब सकते हैं। 
इसके अलावा, इंडस्ट्री ऑफिशियल्स यह भी बता रहे हैं कि निर्यात दबाव है, कुछ टेक्सटाइल इकाइयों को अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ ;लगभग 50 प्रतिशतद्ध का भी सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें कम लागत में कच्चे माल उपलब्ध कराने की आवश्यकता बढ़ गई है। 
विश्लेषकों का कहना है कि अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो भारत के टेक्सटाइल सेक्टर को लागत-संवेदनशीलता में बेहतर प्रबंधन करना होगा और साथ ही, किसानों और मिलों के हितों के बीच संतुलन बनाए रखने की रणनीतियाँ विकसित करनी होंगी।

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