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भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर की वैश्विक बाजार में बढ़ती भागीदारी
By Textile Mirror - 15-05-2025

ब्रिटेन के साथ एफटीए से निर्यात क्षमता बढ़ने की उम्मीद  
नई दिल्ली/ भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर की वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी बढ़ रही है। ब्रिटेन के साथ हाल ही में सम्पन्न हुए मुक्त व्यापार समझौते से भारतीय टेक्सटाइल एवं गारमेण्ट सेक्टर की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी जिससे निर्यात बढ़ेगा।
निर्यातकों का कहना है कि ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते ;एफटीएद्ध के तहत टेक्सटाइल एवं गारमेण्ट सेक्टर के निर्यात पर शुल्क हटाने से बांग्लादेश और वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले भारतीय निर्यातकों को बढ़त मिलेगी।
अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अनुसार नए निर्यात अवसरों को खोलने, व्यापाा बाधाओं को कम करने और प्रमुख ब्रिटेल बाजार तक अधिक पहुंच से भारतीय बुनकरों, निर्माताओं और निर्यातकों को लाभ होगा।
निर्यातकों ने उम्मीद जताई है कि इस समझौते से भारतीय वस्तुओं पर शुल्क खत्म हो गया है या बहुत कम कर दिया गया है। इससे भारतीय निर्यात में तरजीह मिलेगी। 
उद्यमियों का कहना है  िकइस तरह के समझौते भारत के लिए लचीली वैश्विक मूल्य श्रंखलाओं के साथ अधिक गहराई से जुड़ने तथा वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद विनिर्माण और निर्यात भागीदार के रूप में स्थिति मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। 
31 मार्च को समाप्त पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान टेक्सटाइल एवं गारमेण्ट निर्यात में पूर्व वित्तीय वर्ष की तुलना में 6.32 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। टेक्सटाइल सेगमेंट का निर्यात 3.61 तथा गारमेण्ट सेगमेंट का निर्यात 10.03 प्रतिशत बढ़ा है। 
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान टेक्सटाइल सेक्टर का निर्यात 36.61 अरब डॉलर रहा जबकि पूर्व वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 34.43 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था।
टेक्सटाइल एवं गारमेण्ट के संयुक्त निर्यात में गारमेण्ट सेक्टरी की सर्वाधिक भागीदारी रही। इस दौरान गारमेण्ट निर्यात 15.99 अरब डॉलर, कॉटन यार्न/फैब्रिक्स/मेडअप्स 12.06 तथा मेनमेड यार्न/फैब्रिक्स/मेडअप्स 4.87 अरब डॉलर रहा। बाकी हैंडीक्रॉफट, कारपेट और जूट उत्पादों का निर्यात हुआ। 
उल्लेखनीय है कि सरकार भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न  योजनाओं का संचालन कर रही है जिसमंे आधुनिक, एकीकृत, विश्व स्तरीय टेक्सटाइल इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन्स और अपैरल पार्क योजना, बड़े पैमाने पर उत्पादन और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए मेनमेड फैब्रिक और अपेरल और टेक्नीकल टेक्सटाइल पर ध्यान केन्द्रित करने वाली प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव ;पीएलआईद्ध योजना, अनुसंधान नवाचार और विकास, संवर्धन और बाजार विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाला नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन सहित अन्य योजनाएं शामिल हैं। 
इसके अलावा सरकार विभिन्न देशों से मुक्त व्यापार समझौता कर निर्यात बढ़ाने का प्रयास कर रही है। अब तक देश ने 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जिनमें संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया आदि प्रमुख देश शामिल हैं।
 

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