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लेकिन अमेरिका की ऊंची टैरिफ दर से निर्यात कमजोर पड़ने की संभावना
नई दिल्ली/ घरेलू बाजार में फेस्टीवल सीजन दशहरा-दीपावली एवं विंटर के लग्न की ग्राहकी निकलने लगी है जिससे कारोबार में सुधार हो रहा है लेकिन अमेरिका द्वारा लगाई गई ऊंची टैरिफ से निर्यात व्यापार कमजोर पड़ता दिख रहा है। निर्यातकों के अनुसार अमेरिका से नए ऑर्डर रुक गए हैं और पुराने ऑर्डर भी रद्द होने लगे हैं जिससे टेक्सटाइल एवं गारमेंट का निर्यात घटने की संभावना है।
घरेलू बाजार में फेस्टीवल एवं वैवाहिक सीजन के लिए ग्राहकी निकलने लगी है जिससे देष भर की टेक्सटाइल एवं गारमेण्ट मंडियों में थोक एवं खुदरा स्तार पर चहल-पहल आरंभ होने लगी है और नवरात्रों से इन मंडियों में और रौनक लौट आएगी, ऐसी उम्मीद है। इन दिनों पित्रपक्ष चल रहा है। इस बार नवरात्र सहित सभी त्योहार जल्दी हैं जिससे बाजार में अब दिन-प्रतिदिन कारोबार में सुधार होने की पूरी उम्मीद की जा रही है।
सभी टेक्सटाइल उत्पादन एवं विपणन केन्द्रों पर चहल-पहल आरंभ हो गई है। दशहरा एवं दीपावली का फेस्टीवल सीजन नजदीक आ गया है जिससे टेक्सटाइल एवं गारमेंट में भरपूर काम काज निकलने की अपेक्षा है।
रिटेल स्तर पर लम्बे समय से बिक्री कमजोर रहने की वजह से बाजार में धीरे-धीरे उत्साह का संचार हो रहा है। आगे सीजन को देखते हुए उत्पादन एवं विपणन केन्द्रों पर आवाजाही बढ़ने लगी है। दिसावरी ग्राहकों का आवागमन होने लगा है और खरीददारी भी शुरू हो गई है। टेक्सटाइल एवं गारमेंट की सभी आइटमों की मांग निकल रही है।
यद्यपि भुगतान की आवक कमजोर बनी हुई है जिससे बाजार में पैसे की तंगी है लेकिन जल्दी ही भुगतान की आवक में भी सुधार होने की उम्मीद है।
आगामी फेस्टीवल, वैवाहिक एवं विंटर सीजन के लिए ग्राहकी में सुधार हो रहा है। उत्पादन केन्द्रों से नए मालों की चालानी हो रही है। नवरात्रों से बाजार में पूरी रौनक लौटने की संभावना है। व्यापारियों के अनुसार लम्बे समय से ग्राहकी कमजोर रहने से बाजार में जो सन्नाटा पसरा हुआ था, वह टूटा है। यद्यपि अभी पूरी ग्राहकी नहीं है फिर भी उम्मीद की जा रही है कि जैसे-जैसे रिटेल में बिक्री बढ़ेगी, थोक स्तर पर भी ग्राहकी जोर पकड़ेगी।
निर्यात घटने की संभावना अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ ने भारतीय टेक्सटाइल उद्योग की मुश्किलंे बढ़ा दी हैं। निर्यातक टैरिफ के प्रभाव को नहीं झेल पा रही है। ऐसे में सरकार की ओर से तत्काल निर्यात प्रोत्साह की जरूरत महसूस हो रही है।
निर्यातकों के मार्जिन में गिरावट आई है जिससे भारतीय निर्यात वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है। बताया जा रहा है कि अब अमेरिका से नए ऑर्डर नहीं मिल रहे है और पुराने ऑर्डर भी रद्द हो रहे हैं जिससे उद्योग में स्टॉक बढ़ रहा है।
टेक्सटाइल एवं गारमेंट सेक्टर में घरेलू बाजार में मांग निकलने से जहां एक ओर उत्साह का संचार हुआ है लेकिन दूसरी तरफ अमेरिकी टैरिफ ने इस सेक्टर का मनोबल गिरा दिया है और निर्यात घटने की संभावना बन गई है, क्योंकि अमेरिका देश के टेक्सटाइल एवं गारमेंट निर्यात का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है। भारतीय टेक्सटाइल एवं गारमेंट निर्यातकों को 28 प्रतिशत आय अमेरिका से होती है। भारतीय कपड़ा उद्योग महासंघ के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका को लगभग 11 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। अब भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को घरेलू और विदेशी खरीददारों के बीच अपने उत्पादों की विविधता और क्वालिटी को और बेहतर बनाने के लिए नवाचार पर दोगुना जोर देने की जरूरत है।
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