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पोलिएस्टर डाइंग में नई क्रांति कृ 
By Textile Mirror - 24-11-2025

शोधकर्ताओं ने शुरू किया स्टार्टअप, औद्योगिक स्तर पर होगी तकनीक की तैयारी
लंदन/ पोलिएस्टर डाइंग प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले विश्वविद्यालय शोधकर्ताओं ने अब अपने आविष्कार को उद्योगिक स्तर तक पहुँचाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। ‘रिवर्सेबल पोलिएस्टर डाइंग प्रोसेस’ विकसित करने वाली टीम ने हाल ही में अपना स्टार्टअप लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य इस तकनीक का व्यावसायीकरण करना है।
यह नई तकनीक पोलिएस्टर जैसे सिंथेटिक फाइबर की डाइंग प्रक्रिया को पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-संवेदनशील बनाती है। पारंपरिक पोलिएस्टर डाइंग में भारी मात्रा में पानी, ऊर्जा और रासायनिक पदार्थों का उपयोग होता है, जो न केवल महंगा है, बल्कि प्रदूषण का बड़ा कारण भी है। इसके विपरीत, इस रिवर्सिबल डाइंग सिस्टम में रंग को कपड़े पर लाने और आवश्यकता पड़ने पर हटाने दोनों की प्रक्रिया नियंत्रित ढंग से की जा सकती है, जिससे पुनः उपयोग संभव होता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह प्रक्रिया कम तापमान पर होती है और इसमें रासायनिक कचरे का उत्सर्जन लगभग 80 प्रतिशत तक घट जाता है। इससे न केवल पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है, बल्कि उत्पादन लागत भी घटती है।
नवगठित स्टार्टअप अब औद्योगिक साझेदारों के साथ मिलकर इस तकनीक को प्रोडक्शन स्केल पर टेस्ट करने की योजना बना रहा है। कंपनी आने वाले महीनों में यूरोप और एशिया की अग्रणी डाइंग इकाइयों के साथ ट्रायल प्रोजेक्ट शुरू करेगी।
फैशन और टेक्सटाइल उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह आविष्कार ‘सस्टेनेबल फैशन टेक्नोलॉजी’ की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। पोलिएस्टर, जो वैश्विक परिधान बाजार का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा रखता है, उसकी डाइंग प्रक्रिया में यह बदलाव उद्योग के कार्बन फुटप्रिंट को काफी हद तक घटा सकता है।
यदि यह स्टार्टअप व्यावसायिक स्तर पर सफल होता है, तो यह फास्ट-फैशन सेक्टर के लिए एक ग्रीन ट्रांज़िक्शन मॉडल बन सकता है और पर्यावरण-अनुकूल टेक्सटाइल उत्पादन की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर सि( होगा।

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