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ड्रेस एवं ब्लाउज मटेरियल में भी ग्राहकी सीमित
नई दिल्ली/ कपड़ा बाजार में थोक स्तर छिटपुट ग्राहकी है और कारोबार लगभग रुका हुआ है और व्यापारी खाली बैठे समय व्यतीत कर रहे हैं। डिस्काउंट ऑफर कर खुदरा व्यापारी अपना पुराना स्टॉक क्लीयर करने में जुटे हुए हैं ताकि अगले सीजन की तैयारी कर सके। व्यापारियों का कहना है कि अगस्त से अगले सीजन की तैयारी करेंगे और मध्य अगस्त से बाजार में मूवमेंट आरंभ होने लगेगी। भारी गर्मी एवं उमस की वजह से भी बाजार में ग्राहक नहीं जा रहे हैं जिससे बाजार में लगभग सन्नाटा है। वैसे भी इन दिनों कोई लग्न एवं त्योहार नहीं है जिससे कपड़े की मांग बहुत कम है। थोक स्तर पर केवल रंग-डिजाइन पूर्ति के लिए छिटपुट मांग है। सूटिंग-शर्टिंग एवं साड़ियों में ग्राहकी नगण्य है। ड्रेस में कैम्ब्रिक, सॉटन एवं रेयोन प्रिंट ही ज्यादा बिक रहा है। पोपलीन रंगीन एवं सफेद में भी काम कम है। ब्लाउज मटेरियल टू बाई टू रूबिया की मांग भी कम है।
व्यापारियों का कहना है कि गर्मी के कारण खुदरा बाजारों ग्राहक नहीं आ रहे हैं जबकि थोक बाजार में ग्राहकों का आवागमन रुका हुआ है क्योंकि इस समय लग्न नहीं है और कोई त्योहार भी नहीं हैं। केवल रंग एवं डिजाईन पूर्ति भर की ग्राहकी रह गई है। व्यापारी कोई नया माल नहीं खरीद रहा है। इस प्रकार सीजनल फैब्रिक्स कॉटन एवं लिनन सहित सभी आइटमों में ग्राहकी कमजोर है। व्यापारियों का कहना है कि जुलाई में भी ग्राहकी के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। जुलाई में लग्न तो हैं लेकिन बरसात में ग्रामीण क्षेत्रों में ही सीमित संख्या में लग्न होते हैं। जुलाई में शहरों में लग्न नहीं होते हैं। पहले रक्षाबंधन एवं सावन तीज त्योहार पर काम चलता था लेकिन अब कई सालों से काम नहीं चल पा रहा है। इसलिए इन त्योहारों से भी कोई अपेक्षा नहीं है। कुल मिलाकर वर्तमान समर सीजन में कारोबार कमजोर ही रहा है। व्यापारियों का कहना है कि इस समर सीजन के दौरान कारोबार कमजोर रहा क्योंकि मई-जून में लग्न होने के बावजूद भी काम नहीं चला।
ग्राहकी का वर्तमान रुझान देखते हुए थोक व्यापारी अभी समय व्यतीत कर रहे हैं। आने वाले महीनों में निर्माता अगले सीजन की तैयारी करेंगे। इन दिनों बाजार में व्यापारियों का आवागमन नगण्य रह गया है।
सूटिंग-शर्टिंग में थोक स्तर पर रेग्यूलर रंग-डिजाइन की छिटपुट मांग है। खुदरा स्तर पर मांग नहीं है इसलिए खुदरा व्यापारी केवल अपने रंग-डिजाइन पूरा कर रहे हैं। थोक व्यापारी नया माल नहीं खरीद रहे हैं। दिसावरी व्यापारियों का आवागमन रुका हुआ है।
व्यापारियों का कहना है कि वैसे तो मई-जून में कारोबार कमजोर ही रहता है लेकिन इस बार काम ज्यादा कमजोर रहा। लग्न होने के बावजूद भी काम नहीं चला जबकि लग्न में लेन-देन के लिए कपड़े की मांग रहती है जिसमें सूटिगं-शर्टिंग में गिफ्टिंग पैकिंग की मांग रहती है लेकिन इस बार इन आइटमों में काम नहीं चला। व्यापारियों का मानना है कि अब शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी गर्मी में लग्न नहीं हो रहे हैं।
सूटिंग-शर्टिंग में मुश्किल से 20-25 प्रतिशत कारोबार हो रहा है। रिटेल में बिक्री नहीं होने से रिटेलर खरीददारी के लिए नहीं आ रहे हैं। शर्टिंग में कॉटन, लिनन, पीसी में भी मामूली ग्राहकी है।
वेलवेट होम के श्री दीपक गुप्ता के अनुसार बाजार में अभी काम नहीं है। शर्टिंग एवं कुर्ता फैब्रिक्स में कॉटन एवं लिनन की मांग भी मामूली रह गई।
सीजनल बारीक फैब्रिक्स, कॉटन, लिनन, रूबिया, पोपलीन, अस्तर आदि के काम में भी गिरावट आई है। ड्रेस मटेरियल में पोपलीन रंगीन एवं सफेद कम बिक रहा है। कैम्ब्रिक पिं्रट एवं साटन की छिटपुट मांग बनी हुई है। अस्तर, कुर्ता फैब्रिक्स, खादी, रेयॉन एवं मोडाल आदि बारीक फैब्रिक्स की मांग में भी कम है। ब्लाउज मटेरियल में टू बाई टू की मामूली मांग है।
साड़ियों में काम नहीं
साड़ियों में थोक स्तर पर काम नहीं है। खुदरा व्यापारी डिस्काउंट ऑफर कर अपना पुराना स्टॉक क्लीयर कर रहे हैं ताकि आने वाले दिनों में नए सीजन की तैयारी की जा सके। लग्न नहीं होने से साड़ियों के साथ लहंगा, लांचा आदि में भी ग्राहकी नगण्य रह गई है। इस बार मई-जून में लग्न की ग्राहकी कमजोर रही। जुलाई के लग्न के लिए भी काम नहीं चला। कॉटन एवं सिंथेटिक प्रिंटेड साड़ियों में ग्राहकी नगण्य है। व्यापारियों के अनुसार आगे भी कारोबार कमजोर रहने की धारणा है।
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