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पानीपत/ट्रंप के टैरिफ का असर टेक्सटाइल उद्योगों पर पड़ना शुरू हो गया है। 25 प्रतिशत टैरिफ भारतीय कपड़ा उद्योग पर लागू किया गया है। इससे निर्यात महंगा हो रहा है। साथ बिजली केमिकल के रेट बढ़ने का असर भी टेक्सटाइल उद्योगों पर पड़ा है। पानीपत डायर्स एसोसिएशन ने तो इस हालतों को देखते हुए कपड़ा रंगाई के रेट 20 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है। नितिन अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक में डायर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने एक अगस्त से डाइंग के बढ़े हुए रेट लागू करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। नितिन अरोड़ा ने बताया सात अगस्त से अमेरिकी राष्ट्रपित ट्रंप का टैरिफ 25 प्रतिशत लागू होना है। बिजली, केमिकल के साथ ही लेबर भी महंगी हो गई। इसे देखते हुए रंगाई का रेट 15-20 प्रतिशत बढ़ाया गया।
पानीपत में 450 डाईंग यूनिट लगे हुए हैं। इन उद्योगों में 100 टन से अधिक टेक्सटाइल उत्पादों की रंगाई होती है। रंगाई का भाव 50 रुपये से 125 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ को लेकर लगातार घोषणाएं कर रहे हैं। इससे शेयर बाजार भी लगातार टूटता जा रहा है। पानीपत का 60-70 प्रतिशत हैंडलूम टेक्सटाइल उत्पाद का निर्यात अमेरिका को होता है। इसको लेकर टेक्सटाइल उद्यमियों की चिंता बढ़ी हुई है। टैरिफ बढ़ने की घोषणा के बाद से ही निर्यातक नए आर्डर नहीं ले पा रहे हैं। पुराने आर्डर भुगताने पर भी बढ़ा हुआ टैरिफ लागू किया गया है। इससे अमेरिका में जाने वाले भारतीय टेक्सटाइल उत्पाद महंगे होंगे। हाथ से बना हैंडलूम का सामान भारत विशेषकर पानीपत में ही बनता है। अन्य देशों में मशीनों उत्पादन होता है। इसीलिए अमेरिकन को हाथ से बना उत्पादन भारत से ही मंगवाना पड़ेगा।