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जयपुर/ अमेरिका द्वारा आयातित वस्त्रों पर टैरिफ में संभावित बदलाव की चर्चा ने जयपुर की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में हलचल बढ़ा दी है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव स्थानीय निर्यातकों के लिए अवसर और चुनौतीकृदोनों लेकर आ सकता है।
जयपुर के प्रमुख निर्यात उत्पादों में हैंडलूम, होम टेक्सटाइल, बेडशीट, क्विल्ट, कुशन कवर और पारंपरिक हैंड ब्लॉक प्रिंटेड फैब्रिक शामिल हैं, जिनकी अमेरिकी बाजार में खास पहचान है। अगर अमेरिका भारत से आयातित वस्त्रों पर टैरिफ घटाता या समाप्त करता है, तो इन उत्पादों की कीमत प्रतिस्पर्धी हो जाएगी और ऑर्डर में उल्लेखनीय वृ(ि हो सकती है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि अमेरिका प्रतिस्पर्धी देशोंकृजैसे बांग्लादेश और वियतनामकृपर टैरिफ बढ़ाता है और भारत पर यथावत रखता है या घटाता है, तो जयपुर के निर्यातकों को अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। वहीं, अगर भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ता है, तो ऑर्डर का रुख उन देशों की ओर मुड़ सकता है जहां टैरिफ कम है। इससे जयपुर की मिड-टू-हाई क्वालिटी टेक्सटाइल कैटेगरी पर दबाव पड़ सकता है।
उद्योग जगत का मानना है कि यदि भारत और अमेरिका के बीच किसी प्रकार का मुक्त व्यापार समझौता या आंशिक टैरिफ रियायत होती है, तो जयपुर के निर्यातक लंबी अवधि के कॉन्ट्रैक्ट और उच्च मूल्य वाले ऑर्डर हासिल कर सकते हैं। हैंडलूम, ऑर्गेनिक कॉटन और क्राफ्ट-बेस्ड प्रोडक्ट्स पर अमेरिका में पहले से प्रीमियम मांग है, जिससे जयपुर का पारंपरिक ब्लॉक प्रिंट मुख्यधारा के फैशन बाजार में तेजी से अपनी जगह बना सकता है।
फिलहाल, उद्योग जगत अमेरिकी नीतिगत घोषणा का इंतजार कर रहा है, क्योंकि इससे आने वाले महीनों में जयपुर की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की दिशा और दशा तय हो सकती है।