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अन्य राज्यों ने भी दिखाई उल्लेखनीय प्रगति
अहमदाबाद/भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में एक सकारात्मक और तीव्र विकास का दौर देखा जा रहा है, जिसमें गुजरात अग्रणी भूमिका निभा रहा है। हालिया औद्योगिक आंकड़ों के अनुसार, गुजरात वर्तमान में भारत का सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला टेक्सटाइल राज्य बन गया है, जबकि तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्य भी इस दौड़ में पीछे नहीं हैं।
गुजरात इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन के अध्यक्ष श्री महेश पटेल ने कहा कि गुजरात न केवल भारत का, बल्कि एशिया का अगला टेक्सटाइल पावरहाउस बनने की दिशा में अग्रसर है। हमारी टेक्सटाइल पॉलिसी, लॉजिस्टिक्स हब और समर्पित स्किलिंग सेंटर इस दिशा में ठोस नींव रखते हैं।
गुजरात- विकास की अग्रिम पंक्ति में
गुजरात में वर्ष 2024दृ25 के दौरान 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ, जिससे यह राज्य टेक्सटाइल सेक्टर में देश का सबसे आकर्षक गंतव्य बन गया है। भारत के कुल डेनिम उत्पादन का 65 प्रतिशत हिस्सा गुजरात से आता है। सूरत, अहमदाबाद और भावनगर जैसे शहर टेक्सटाइल निर्यात और मशीनरी उत्पादन के प्रमुख केंद्र बन चुके हैं। सरकार की टेक्सटाइल पॉलिसी 2024, सस्ती बिजली, भूमि सब्सिडी, और निर्यात प्रोत्साहन ने एमएसएमई से लेकर बड़े औद्योगिक समूहों को सक्रिय किया है।
तमिलनाडु- उत्पादन और निर्यात का गढ़
तमिलनाडु विशेष रूप से तिरुपुर और कोयम्बटूर जैसे केंद्रों के माध्यम से वर्षों से टेक्सटाइल उत्पादन में अग्रणी रहा है। तिरुपुर भारत का 54 प्रतिशत निटवियर निर्यात अकेले करता है। यहां की कंपनियाँ पर्यावरण-अनुकूल उत्पादन और ‘सस्टेनेबल फैशन’ में अग्रणी बन रही हैं। राज्य सरकार की ‘तमिलनाडू इण्टीग्रेटेड टेक्सटाइल पॉलिसी’ उद्योग को वैश्विक मानकों तक पहुँचाने में मदद कर रही है।
तेलंगाना- नई परियोजनाओं के साथ उभरता सितारा
तेलंगाना, विशेषकर वारंगल का ककाटिया मेगा टेक्सटाइल पार्क देश का सबसे बड़ा एकीकृत टेक्सटाइल पार्क बनने की दिशा में अग्रसर है। इस परियोजना में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश संभावित है। राज्य की नीति विदेशी और घरेलू दोनों निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
उत्तर प्रदेश- पूर्वांचल में टेक्सटाइल क्रांति
उत्तर प्रदेश में पीएम मित्रा योजना के तहत टेक्सटाइल पार्क की स्थापना और बुंदेलखंड व पूर्वांचल में बढ़ते निवेश ने राज्य को उत्तर भारत का टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में मजबूत किया है। राज्य सरकार की ‘वन डिस्ट्रीक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना से पारंपरिक कारीगरी और हथकरघा को नई पहचान मिली है। वर्ष 2024दृ25 में उत्तर प्रदेश ने टेक्सटाइल क्षेत्र में 4,200 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया।
महाराष्ट्र- टेक्सटाइल क्लस्टर और रोजगार का केंद्र
महाराष्ट्र, खासकर इचलकरंजी, सोलापुर और नागपुर, पारंपरिक और आधुनिक टेक्सटाइल उद्योग का संतुलन बनाए हुए हैं। राज्य सरकार की टेक एण्ड टेक्सटाइल पॉलिसी और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों ने युवाओं को इस क्षेत्र से जोड़ा है। टेक्निकल टेक्सटाइल, जियोटेक्सटाइल और मेडिकल फैब्रिक्स में महाराष्ट्र की भूमिका बढ़ रही है।
राजस्थान- होम टेक्सटाइल और हैंडलूम सेक्टर में मजबूत उपस्थिति
राजस्थान, विशेष रूप से भीलवाड़ा, पाली और जयपुर, टेक्सटाइल उद्योग में नई रफ्तार पकड़ रहा है-
- भीलवाड़ा, देश का प्रमुख सूटिंग और सिंथेटिक फैब्रिक क्लस्टर बन चुका है।
- पाली में टेक्सटाइल प्रोसेसिंग यूनिट्स का केंद्र बनकर उभर रहा है।
- जयपुर की ब्लॉक प्रिंटिंग, डाईंग और हैंडलूम प्रोडक्ट्स की वैश्विक मांग बढ़ी है।
- वर्ष 2024दृ25 में राजस्थान ने लगभग 2,300 करोड़ रुपये का नया टेक्सटाइल निवेश आकर्षित किया।
राज्य सरकार की टेक्सटाइल एण्ड गारमेण्ट 2022 के तहत एमएसएमई इकाइयों को भूमि, बिजली और मार्केटिंग में सहायता दी जा रही है। हालांकि गुजरात टेक्सटाइल निवेश और विकास में सबसे तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन तमिलनाडु की स्थिरता, तेलंगाना की नवीन परियोजनाएँ, उत्तर प्रदेश की नीति आधारित पहलें, और महाराष्ट्र का संतुलित विकास इस बात का प्रमाण हैं कि भारत का टेक्सटाइल भविष्य बहुध्रुवीय और उज्ज्वल है।
भारत अब न केवल परंपरागत उत्पादन का केंद्र है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय और तकनीकी रूप से सक्षम भागीदार बन रहा है।
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