It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

कपास दिवस पर सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया कृ 
By Textile Mirror - 08-11-2025

2030 तक निर्यात और सस्टेनेबिलिटी पर फोकस
नई दिल्ली/ विश्व कपास दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण पेश किया है। केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरीराज सिंह ने घोषणा की कि वर्ष 2030 तक भारत का लक्ष्य टेक्सटाइल निर्यात को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाना और साथ ही पूरे क्षेत्र को कार्बन-न्यूट्रल बनाना है।
वस्त्र मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘ग्लोबल कॉटन कॉन्फ्रेंस 2025’ में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि भारत को कपास उत्पादन, प्रोसेसिंग और निर्यात में टिकाऊ विकास को केंद्र में रखकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ‘विजन 2040 कॉटन मिशन’ के तहत कपास से जुड़े सभी हितधारकों कृकिसानों, मिलों, निर्यातकों और तकनीकी विशेषज्ञों कृको एक साझा मंच पर ला रही है।
 लक्ष्य- उत्पादन से लेकर निर्यात तक सुधार
मंत्री ने बताया कि सरकार का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले कॉटन उत्पादन को प्रोत्साहित करना, आधुनिक जीनोम बीजों का उपयोग बढ़ाना और पानी की खपत कम करने वाली स्मार्ट खेती तकनीकों को अपनाना है।
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत कपास क्षेत्र में टेक्नोलॉजी-ड्रिवन फार्मिंग मॉडल और डिजिटल ट्रेसबिलिटी सिस्टम लागू करेगा, ताकि अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को गुणवत्ता और पारदर्शिता का भरोसा मिले।
‘भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कॉटन उत्पादक देश है, और अब हमारा लक्ष्य इसे मूल्य की दृदृष्टि से नंबर एक बनाना है। स्थिरता, नवाचार और ब्रांड निर्माण यही भविष्य की तीन दिशाएँ हैं।
कृ -गिरीराज सिंह, केंद्रीय वस्त्र मंत्री
सस्टेनेबिलिटी पर विशेष जोर
सरकार ने कपास उत्पादन में कार्बन उत्सर्जन घटाने और सस्टेनेबल फैब्रिक निर्माण के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। मंत्रालय का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत के प्रमुख कपास क्लस्टर गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान ग्रीन टेक्सटाइल जोन के रूप में विकसित किए जाएँ।
‘बेटर कॉटन इनिशिएटिव’ और ‘ऑर्गेनिक कॉटन प्रोमोशन स्कीम’ को भी नई गति देने की योजना है, ताकि किसान जैविक खेती और पर्यावरण-संवेदनशील तरीकों को अपनाएँ।
वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका
कार्यक्रम में उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि यदि भारत अपनी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करता है, तो आने वाले वर्षों में वह न केवल कपास उत्पादन में, बल्कि सस्टेनेबल टेक्सटाइल एक्सपोर्ट्स में भी वैश्विक अग्रणी बन सकता है।
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के अध्यक्ष आर.के. दुग्गल ने कहा कि भारत का लक्ष्य सिर्फ उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि ‘ग्रीन ग्रोथ के साथ प्रतिस्पर्धा’ हासिल करना है।
कपास दिवस पर सरकार द्वारा घोषित यह नीति दिशा भारत को वैश्विक टेक्सटाइल मानचित्र पर नई ऊँचाइयों तक ले जाने की तैयारी दर्शाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल किसानों की आय, निर्यात वृ(ि और पर्यावरणीय संतुलन तीनों को एक साथ साधने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

सम्बंधित खबरे