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250 अरब रुपये की घरेलू बाज़ार और 100 अरब रुपये के निर्यात लक्ष्य
नई दिल्ली/ भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को लेकर सरकार ने बड़ा विज़न तय किया है। केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश का वस्त्र उद्योग 2030 तक 250 अरब डॉलर के घरेलू बाजार और 100 अरब डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को हासिल करेगा। यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाएगी बल्कि भारत की वैश्विक स्थिति को भी और मजबूत बनाएगी।
मंत्री के अनुसार, मौजूदा समय में भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर कई चुनौतियों से जूझ रहा हैकृजैसे वैश्विक अस्थिरता, अमेरिका और यूरोप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ तथा कच्चे माल की लागत में वृ(ि। इसके बावजूद, भारत की क्षमता, विविधता और नवाचार उसे प्रतिस्पर्धी बनाए रखते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग को नई तकनीकों, अनुसंधान, एफटीए और स्थायी उत्पादन पक्तियों की ओर प्रोत्साहित कर रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर उद्योग को सतत प्रोत्साहन मिलता रहा, तो भारत न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भी अहम स्थान बना लेगा। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फोर लोकल’ जैसे अभियानों से भारतीय कपड़ों और परिधानों की पहचान और मजबूत हो रही है।
टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का वस्त्र निर्यात 2024-25 में लगभग 36 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, और इसमें सालाना 8-10 प्रतिशत की वृ(ि दर संभव है। वहीं, घरेलू उपभोग शहरीकरण, बढ़ते मध्यमवर्ग और फैशन ट्रेंड्स के चलते तेजी से बढ़ रहा है।
यदि यह प्रगति जारी रही, तो 2030 तक भारत का टेक्सटाइल उद्योग दुनिया की सबसे बड़ी आपूर्ति इकाइयों में शामिल होगा। यह न केवल आर्थिक विकास बल्कि लाखों लोगों की आजीविका और ग्रामीण रोजगार को भी नई दिशा देगा।
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