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नए बाजारों से मिल रही शानदार प्रतिक्रिया
इंदौर/ त्योहारों के मौसम से पहले इंदौर का तैयार वस्त्र उद्योग इस बार विशेष उत्साह और जोश के साथ आगे बढ़ रहा है। स्थानीय बाजार के साथ-साथ बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे बाहरी राज्यों से भी भारी ऑर्डर मिल रहे हैं, जिससे उद्योग में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
राजशाही एसोसिएशन द्वारा हाल ही में आयोजित व्यापार मेले ने इस सकारात्मक माहौल को और मजबूती दी है। मेले के दौरान 20 प्रतिशत की बिक्री वृ(ि दर्ज की गई, जो आने वाले उत्सव सीजन के लिए एक सकारात्मक संकेत है। आयोजकों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों का कहना है कि इस बार डिजाइन और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे ग्राहकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है।
हालांकि, वर्तमान समय में स्थानीय व्यापार जगत ग्राहकी के अभाव से भी जूझ रहा है। राखी से पहले बाजार के बेहतर चलने की उम्मीद थी, लेकिन माहौल फीका रहा। अब व्यापारी गणेश उत्सव से बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि चिंता का विषय यह है कि भारत, जो विश्व के अग्रणी वस्त्र निर्माताओं में गिना जाता है, आज कई वस्त्रों का आयात करने को मजबूर है। पड़ोसी देश, जो कभी सूती वस्त्र निर्माण में पीछे थे, अब बेहतर गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धी मूल्य के साथ भारतीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। इसके विपरीत, घरेलू गारमेण्ट निर्माता ज्यादातर निर्यात-उन्मुख माल पर ध्यान दे रहे हैं, जिससे स्थानीय बाजार उपेक्षित हो रहा है और आयातित कपड़े इस कमी को पूरा कर रहे हैं।
व्यापारियों को उम्मीद है कि सितंबर और अक्टूबर में, त्योहारों और ठंड के मौसम के आगमन के साथ, कपड़ा कारोबार में तेजी आएगी। हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यदि घरेलू निर्माता गुणवत्ता, डिजाइन और प्रतिस्पर्धी मूल्य पर पर्याप्त ध्यान नहीं देंगे, तो आयातित वस्त्रों की चुनौती आने वाले दिनों में और गहरी हो सकती है।