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बांग्लादेश से कपड़ा आयात बंदी से इचलकरंजी के अच्छे दिन
By Textile Mirror - 02-06-2025

कोल्हापुर/ केंद्र सरकार ने बांग्ला देश से आयात होने वाला कपड़ा, तैयार कपड़ा, हौजरी माल पर पाबंदी डालने से देशभर में वस्त्रोद्योग को अच्छे दिन आएंगे। देश में तैयार होने वाले कपड़े को मांग बढ़ने से इस उद्योग में रोजगार के साथ कारोबार भी बढे़गा। इसका लाभ इचलकरंजी को भी होगा।
बांग्लादेश में कुल 18 हजार पावरलूम होते हुए करार का गैर इस्तेमाल कर चीन का लाखोे मीटर कपड़ा चिंधी के नाम पर हर दिन भारत में भेजा जाता था। इसके साथ बांगला देश की कुछ कंपनीयां चीन से कपड़ा खरीदकर उसका गारमेटिंग ;तैयार कपड़ाद्ध कर उसको भारत में कम दर में बेचा जाता था। इसमें हौजरी के साथ महिलाओं के वस्त्र भी शामिल थे। जिससे देश में तैयार होने वाले कपड़े की मांग कम आ रही थी। देश का बिजली दर, कामगार पगार, पर्यावरण इस सभी बातांे को देखते हुए उत्पादन खर्चा बढ़ जाता है। इसकी तुलना में कम भाव में मिलने वाले चीन कापड़ का मांग थी। हाल ही में केंद्र सरकार ने बांगला देश से आने वाला सभी वस्त्रोद्योग घटकों को आयात करने पर पाबंदी डाल दी है। साथ ही में बाकी देशों को निर्यात होनेवाले वस्त्रोद्योग घटक अब सिर्फ जवाहरलाल नेहरू पोर्ट, मुंबई से जाएंगे। अन्य किसी भी बंदर में बांगला देश कंटेनर यातायात के लिए नहीं आएगा। ऐसा आदेश लागू किया है। इस फैसले के चलते देश के वस्त्रोद्योग को चालना मिलेगी।
इचलकरंजी के कपड़े को मांग बढ़ेगी-
चीन का सस्ता कपड़ा बांगला देश से होते हुए भारत में आने से इचलकरंजी से कोलकता बाजारपेठ में जाने वाला कपड़ा 60 से 70 फीसदी कम हुआ था। जबकि केंद्र शासन ने बांगला देश के कपड़े पर पाबंदी डालने के कारण अब इचलकरंजी के कपड़े को मांग बढे़गी।
इस तरह की मांग हम कई सालों से कर रहे थे। तत्कालीन केंद्रीय वस्त्रोद्योग मंत्री, आयुक्त के साथ विद्यमान केंद्रीय वस्त्रोद्योग मंत्री गिरीराज सिंह की ओर यह मांग की थी। उसको सफलता मिली।
-चंद्रकांत पाटील, अध्यक्ष पावरलूम एसोसिएशन, इचलकरंजी
शासन ने लिए इस फैसले का हम स्वागत करते है। देशभर के वस्त्रोद्योग को दिलासा देनेवाला है। जबकि यह आदेश सिर्फ कागज पर नही रहे बल्कि अवैध मार्गसे बकायदा देने में आनेवाला बांगला देशी कपडा रोकने के लिए शासन ने अपनी यंत्रणा तयार रखनी चाहिए।
-विनय महाजन, अध्यक्ष पावरलूमधारक जागृती संगठन, इचलकरंजी
 

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