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फरवरी से शुरू होने वाले लग्न के दूसरे दौर की प्रतीक्षा में दिल्ली कपड़ा बाजार
By Textile Mirror - 16-12-2025

नई दिल्ली/दिल्ली के कपड़ा बाजार में इन दिनों ग्राहकी कमजोर बनी हुई है, जिससे थोक और खुदरा दोनों स्तरों पर कारोबार ठंडा पड़ गया है। व्यापारियों की निगाहें अब फरवरी से आरंभ होने वाले लग्न के दूसरे दौर पर टिकी हैं, जिससे अगले पखवाड़े तक बाजार में दोबारा रौनक लौटने की उम्मीद जताई जा रही है। फिलहाल बाजारों में भीड़भाड़ और चहल-पहल में कमी देखी जा रही है।
व्यापारियों के अनुसार खुदरा बाजार में सप्ताह में दो दिन सीमित ग्राहकी देखने को मिल रही है, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि आगामी दिनों में दूसरे दौर की लग्न ग्राहकी धीरे-धीरे निकल सकती है। सूटिंग-शर्टिंग में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है, जबकि ड्रेस मटेरियल में काम पहले की तुलना में घटा है, फिर भी मांग पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। वहीं सााड़ी और लहंगा सेगमेंट में वैवाहिक जरूरतों के चलते छिटपुट मांग बरकरार है।
बीते एक पखवाड़े से थोक एवं खुदरा बाजारों में ग्राहकी में गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले लग्न के पहले दौर में सूटिंग-शर्टिंग, ड्रेस मटेरियल, लेडीज सूट, साड़ी, लहंगा-लांचा जैसी अधिकांश कपड़ा आइटमों में अच्छी मांग बनी हुई थी। पहले दौर के लग्न निबटने के बाद अब बाजार दूसरे दौर की शुरुआत का इंतजार कर रहा है।
सूटिंग-शर्टिंग सेगमेंट में कॉटन, लिनन और सिंथेटिक फैब्रिक्स की प्लेन, सेल्फ और लाइनिंग क्वालिटी में केवल छिटपुट मांग है। एथेनिक फैब्रिक्स और टीआर में ग्राहकी कमजोर पड़ी हुई है। वूलन, टेरीवूल और टिवड की मांग भी फिलहाल कम बनी हुई है। गिफ्ट पैकिंग जोड़े, सफारी और सूटलेंथ की बिक्री में भी गिरावट दर्ज की गई है।
उत्तर भारत की जानी-मानी सूटिंग-शर्टिंग एजेंसी कृष्णा एंटरप्राइजेज और रजनी एंटरप्राइजेज के श्री हंसराज गौतम के अनुसार फिलहाल ग्राहकी कमजोर है, हालांकि अगले पखवाड़े तक काम निकलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में अरविंद मिल के कॉटन, लिनन, वूलन, टेरीवूल और सिंथेटिक फैब्रिक्स में अच्छा काम हुआ था।
वेलवेट होम के श्री दीपक गुप्ता के अनुसार बाजार में फिलहाल सुस्ती है। प्लेन वेरायटी का चलन अधिक है। टीआर और एथेनिक फैब्रिक्स में सीमित बिक्री हुई है, जबकि गिफ्ट पैकिंग जोड़े और सूटलेंथ की मांग बनी रही।
ड्रेस मटेरियल सेगमेंट में ग्राहकी पहले से कमजोर हुई है, फिर भी मोटे मालों में मांग बनी हुई है। स्पन, पशमीना प्लेन और प्रिंट, कॉटन साटन, रेयॉन प्लेन-प्रिंट और पोपलीन में संतोषजनक कारोबार देखा गया है। नारायण ट्रेडिंग कंपनी के अनुसार पोपलीन रंगीन और लाइनिंग में अच्छा काम निकला है, जबकि व्हाइट गुड्स की मांग कुछ कमजोर रही।
साड़ी और लहंगा बाजार में भी वैवाहिक सीजन की ग्राहकी पहले की तुलना में कमजोर पड़ी है। हालांकि खुदरा स्तर पर वेडिंग साड़ी, लहंगा-चुनरी, लांचा, शरारा, गरारा और गाउन की छिटपुट मांग बनी हुई है। इस सीजन में आर्ट सिल्क साड़ी और दिल्ली हैंडवर्क साड़ियों की मांग अधिक रही। ब्राइडल लहंगा 6,000 से 40,000 रुपये की रेंज में बिके, जबकि मशीनवर्क लहंगे 6,000 से 10,000 रुपये तक चले।
कुल मिलाकर दिल्ली कपड़ा बाजार फिलहाल सुस्त दौर से गुजर रहा है, लेकिन व्यापारियों को उम्मीद है कि फरवरी से लग्न के दूसरे दौर की शुरुआत के साथ ही बाजार में फिर से रफ्तार लौटेगी और कारोबार में सुधार दिखाई देगा।

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