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नई दिल्ली/ भारतीय परिधान कंपनियों के लिए जापान को अपने उत्पाद निर्यात करने की अपार संभावनाएं है। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद ;एईपीसीद्ध ने कहा कि घरेलू उद्योग को दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझोते ;एफटीएद्ध का लाभ उठाना चाहिए। एईपीसी ने कहा कि बढ़ती संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए वह टोक्यो के ‘‘इंडिया टेक्स ट्रेंड फेयर’ में भाग लेने के लिए एक प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व कर रहा है।
यह तीन दिवसीय मेला 23 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसमें 200 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे है। बयान मंे कहा गया कि सुमितोमो कॉरपोरेशन एमयूयजेआई, टोयोशिमा, मारूबेनी, मित्सुबिशी, कोयो टेªडिंग, यूनाइटेड एरो, एमवाईके फैशन सहित कुद प्रसि( जापानी ब्राण्ड वहां मौजूद रहेंगे।
एईपीसी के चेयरमैन ने कहा कि जापान दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एपेरल इत्म्पोर्टर है। भारत-जापान व्यापार समझौते के तरह भारतीय परिधानों को जापान में शुल्क मुक्त पहुंच प्राप्त है, जबकि तुर्की के लिए 9 प्रतिशत और चीन के लिए 9.5 प्रतिशत शुल्क है। इसलिए भारतीय रेडीमेड परिधन निर्माताओं और निर्यातकों के लिए इस मेले में भाग लेना चाहिए। जापान का कुल परिधान आयात 23 अरब डॉलर का है और इसमें भारत का हिस्सा 1.37 प्रतिशत है।