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बाजार में ग्राहकी का सन्नाटा छाया रहा
नई दिल्ली/ पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हुए हमलों के बाद पैदा हुई यु( जैसी स्थिति से रेडीमेड गारमेण्ट में कामकाज ठप रहा। इस दौरान व्यापारियों ने खरीददारी रोक ली थी। दिसावरों के व्यापारियों का आवागमन रुक गया था। अब सीमा पर तनाव कम हो गया है और हालात सामान्य होने पर कारोबार वापिस चलने की उम्मीद है।
व्यापारियों का कहना है कि अभी कारोबार को सामान्य होने में थोड़ी समय लगेगा। पिछले लगभग एक पखवाड़े से बाजार में ग्राहकी का सन्नाटा छाया रहा। रिटेलर अपनी पूंजी समेटने लगे थे और स्थिति सामान्य होने तक नया स्टॉक नहीं ले रहे थे। आम लोग बाजार में खरीददारी के लिए कम निकल रहे थे। व्यापारियों का कहना है कि थोक बाजारों में काउंटर सेल नगण्य रह गई थी। दिसावर का व्यापारी रुक गया था।
वैवाहिक सीजन चल रहा है फिरभी बाजार में ग्राहकों का सन्नाटा छाया रहा। व्यापारियों के अनुसार पार्टी वियर सहित लेडीज एवं बच्चों के गारमेण्ट की मांग रुकी हुई है। कारीगरों की कमी बनी हुई है उत्पादन भी कम हो रहा है।
व्यापारियों के अनुसार इस बार अप्रैल में लग्न भी थे और समर सीजन भी चल रहा है लेकिन इसके बावजूद बाजार में अपेक्षित काम नहीं हो पाया। व्यापारियों का कहना है कि देश में रेडीमेड गारमेण्ट में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। छोटे शहरों में कारीगर सस्ते हैं जिससे उनकी लागत कम आती है। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में रेडीमेड गारमेण्ट बन रहे हैं जिससे उत्तर प्रदेश का व्यापारी दिल्ली कम आ रहा है।
व्यापारियों के अनुसार पहलगाव में आतंकवादियों के हमले के बाद भारतीय सेना आपरेेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी आतंकी एवं सैन्य ठिकानों को ध्वस्त करने करने के बाद हुए टकराव से पिछले एक पखवाड़े के दौरान कारोबारी गतिविधियों पर विराम लग गया था।
बहरहाल अब हालात सामान्य होने पर कारोबार चलने की उम्मीद है। फिलहाल बाजार में लेडीज, जेन्ट्स एवं बच्चों सहित सभी प्रकार के गारमेण्ट काम रुका हुआ है। गारमेण्ट में शर्ट एवं कुर्ता-पजामा में अभी काम नहीं हो रहा है। लेडीज में पार्टी वीयर, लेडीज सूट, कुर्ती, टॉप एवं नाईटीगाउन आदि सभी प्रकार के लेडीज गारमेण्ट की मांग भी रुकी हुई है। बच्चों के फैंसी गारमेण्ट-बाबा सूट एवं फ्रॉक आदि में भी अभी कोई ग्राहकी नहीं है। जबकि लग्न का सीजन होने से जेन्ट्स में कुर्ता-पजामा की रेग्यूलर एवं फैंसी रेंज के साथ शेरवानी एवं नाईटी गाउन की मांग रहनी चाहिए थी।