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मुंबई/ त्योहारों के निकट होने पर भी तैयार परिधानों में ग्राहकी कमजोर है। रिटेल ग्राहकी में सुधार की उम्मीद के विपरीत बाजार का रुख है। अधिकतर रेडीमेड काउंटरों पर ऑफ सीजन में दिया जा रहा डिस्काउंट अब बंद हो चुका है। रिटेलर्स त्योहारों के लिए नये उत्पादों की खरीदी करने पर जोर दे रहे है। आज के दौर के ग्राहक आउटडेटेड फैशन को कम भाव पर खरीदने के बदले नये फैशनेबल उत्पादों को खरीदना चाहता है। यहीं कारण है कि ऑफ सीजन में बडे़ स्टोरों में आकर्षक डिस्काउंट ऑफर होने पर भी ग्राहकी नीरस रही और जितनी ग्राहकी की अपेक्षा की गई थी, उससे कम ग्राहकी होने से आधा स्टॉक ही बेचा जा सका है। इसलिए रिटेलर्स संभलकर नई खरीदी कर रहे हैं।
गारमेण्ट में फैशन बड़ी तेजी से बदलता है। अब अधिकतर सभी सेंटरों पर तैयार कपड़ों की मांग होने लगी है और रिटेल काउंटरों पर फिनिश कपड़ों की खपत कम हो गई है। पुरानी डिजाइनों के गारमेण्ट के बदले लोगों का रूख अब नई डिजाइन एवं समकालीन फैशन युक्त गारमेण्ट खरीदने में अधिक रहती है। वैसे भी नई और पुरानी डिजाइनों गारमेण्ट के भाव में बहुत अधिक फर्क नहीं होता है। मुंबई की गारमेण्ट इकाइयों में उत्पादन में सुधार अपेक्षा से कम है। इन इकाइयों कारीगरों कमी होने की जानकारी मिल रही है, बावजूद गारमेण्ट उत्पादन बढ़ने से गारमेण्ट कपड़ों की मांग सुधरी है। गारमेण्टरों की मांग फिनिश उम्दा क्वालिटी कपड़ों में है। शर्टिंग के लिए लिनन बेस्ड कपड़ों में उठाव है।
अमेरिका द्वारा भारत से आयात पर भारी भरकम टैरिफ लगाने से टेक्सटाइल एवं अपेरल के निर्यात को भारी झटका लगने का अनुुमान है। टेक्सटाइल एवं अपेरल के मामले में भारत छठे नंबर का एक बड़ा निर्यातक है। भारत के रेडीमेड गारमेण्ट के लिए अमेरिका का बाजार महत्वपूर्ण है। वर्ष 2024 में गारमेण्ट का 33 प्रतिशत निर्यात यहीं किया गया था। अमेरिका के रेडीमेड आयात में भारत का हिस्सा 2020 में 4.5 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 6 प्रतिशत हो गया था। अमेरिका मंे अधिक निर्यात करने वाले देशों में भारत चौथे नंबर है। अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा मार्केट है। भारत का बाजार हिस्सा छह प्रतिशत से बढ़ाने की योजना को इस टैरिफ से बड़ा धक्का लग सकता है।