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कपड़ा में लफड़ा, भाव बढ़े और नुकसान भी बढ़ा
By Textile Mirror - 24-09-2024

सूती धागे में एकतरफा तेजी को विराम: 60 वेफ्ट 30 से 35 रुपये किलो बढ़ा
मालेगांव/ सामने दशहरा दिवाली जैसे बड़े त्योहार है। कोलकाता की कालीपूजा, गुजरात का नवरात्रि ;डांडिया जैसे पर्वद्ध है। बरसात का मौसम अब विराम की ओर है। अर्थव्यवस्था में शेयर मार्केट की खूब धूम चल रही है। टेक्सटाइल का पावरलूम सेक्टर में सूती धागे की एकतरफा तेजी ने कपड़े को भी बढ़ा दिया, लेकिन कपड़ा में लफड़ा है कि नुकसान और बढ़ गया है। रोटो और पीसी का यार्न रूका है, रोटो में कपड़ा कट क्वालिटी में घटकर बिक रहा है और पीसी का कपड़ा सामान्य है। 
पर्यूषण पर्व के बाद अब गणपती उत्सव की धूम है और टेक्सटाइल इण्डस्ट्रीज की बड़ी बाधा सिर्फ श्रा( पक्ष ही रह जायेगा। हालांकि बढ़े भावों मंे कपड़े का व्यापार बढ़ा है। स्टॉक बुनकर हल्का कर रहे हैं। दलाल बताते है इसी भावों में आवक कपड़ा मांग रहे हैं लेकिन बुनकर नुकसान के चलते बेच नहीं रहा है और यार्न बढ़ने का खतरा भी है। 
सूत बाजार- सूती धागा महीने में तेजी की धारा में बढ़ने लगा। आशानुरूप सबसेे पहले 60 वेफ्ट में तेजी का आगाज मुंबई मार्केट ने किया। फिर सभी काउण्ट में तेजी आई, आवक कम ओर लेवाली की वजह बाजार चढ़ गया है। सूत व्यवसाई राजू सराफ ने बताया कि सूत बढ़ने से कपड़ा बढ़ा लेकिन कपड़ा में नुकसान लम्बे समय से चिन्ता का विषय है। पीसी का कामकाज चलता रहता है। सूत व्यवसाई नरेश मोर ने बताया कि थोड़ा से व्यापार हो जाता है। रोटो का यार्न अगस्त में 128 से 126 आया है। सूत व्यवसाई पंकज पंसारी ने बताया कि वहीं लूम चला है। फुटकर करोबार होता रहता है।
कपड़ा बाजार- कपड़ा में ही तो लफड़ा है। कभी लेवाली नहीं रहती। कभी पड़ता नहीं रहती। कभी पेमेण्ट नहीं आता, कभी बाढ़ आ जाती है। कभी त्यौहार पर बंद आ जाता है। लम्बे समय से कपड़ा नुकसान में चल रहा है। लूम्स और साइजिंग के कपड़ा उत्पादक शेखर अग्रवाल ने बताया कि कपड़ा अपने दम पर नहीं चल रहा है। सूत कपड़ा बढ़ता है कपड़ा कम बढ़ता है। सूत थोड़ा घटता है, कपड़ा ज्यादा घटता है। इसलिए नुकसान हो रहा है। केम्ब्रिक में 5652 का भाव अगस्त में 20 के आस-पास अब 20 से 80 पैसा प्लस जीएसटी है। इससे नुकसान ज्यादा है। रोटों में कट बोर्डर से बढ़े भावों में अच्छा व्यापार हो रहा है। पीसी कभी नाम कभी गरम चलता रहता है। 

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