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उज्जैन/ बरसात के इस मौसम में जहां आसमान के तेवर लगातार बदल रहे हैं, वहीं व्यापारिक माहौल में भी अस्थिरता बनी हुई है। कभी धूप तो कभी छांव, कभी बादल तो कभी हल्की बारिश दृयही स्थिति शहर के बाजारों में ग्राहकी की है। थोक एवं खुदरा बाजार फिलहाल खरीदी के लिहाज से सुस्त पड़े हैं। व्यापारी वर्ग मान रहा है कि ग्राहकी की कमी और उधारी का दबाव इस समय व्यापार की गति को रोककर बैठा है।
ग्राहकी की कमी का असर सबसे ज्यादा थोक व्यापारियों पर दिख रहा है। बाजार में गहमागहमी की जगह चौपालों पर चर्चाएं और गपशप का माहौल नजर आता है। व्यापारी बताते हैं कि इस समय ‘फंडामेंटल कमजोर हैं और मांग नदारत है’। सितंबर माह की शुरुआत के बावजूद अभी तक ग्राहकी की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।
हालांकि, टेंट वस्त्रों का कारोबार इस समय अपवाद बना हुआ है। गणेशोत्सव से लेकर नवरात्रि तक पांडालों और आयोजनों में टेंट कपड़ों की जोरदार मांग देखी जा रही है। रंगीन और डिजाइनदार कपड़ों से पांडाल सजाने का काम जोरों पर है। इसके बाद दीपावली और लग्नसरा का सीजन टेंट व्यवसायियों के लिए खासा लाभदायक साबित होगा।
दूसरी ओर, शर्टिंग-सूटिंग बाजार अभी उधारी के बोझ तले दबा हुआ है। मुंबई की मिलें इस समय डिस्प्ले-कम-बुकिंग योजनाओं के जरिए व्यापारियों को आकर्षित कर रही हैं, लेकिन व्यापारी वर्ग इसे ‘मकड़ी का जाल’ बताता है, जिसमें फायदा सिर्फ मिलों और ब्रोकरों का होता है, जबकि डीलर उधारी के जाल में उलझ जाते हैं।
सूरत और इंदौर की मंडियों से प्रिंट शर्टिंग की मांग बनी हुई है। उज्जैन के स्थानीय बाजार में प्रकाश प्रीमियम जैसे ब्रांड की खपत हो रही है। व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि सितंबर के अंतिम सप्ताह से खरीदी में तेजी आएगी और नवरात्रि से दीपावली तक बाजार में गतिशीलता लौटेगी।
फिलहाल स्थिति यही है कि व्यापार में गतिशीलता नहीं है, क्योंकि उधारी कुण्डली मारकर बैठी है। हालांकि, त्योहारों का सीजन बाजार की रौनक को फिर से लौटा सकता है।
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