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नई दिल्ली/ उत्तर प्रदेश सरकार नए बाजारों एवं उत्पादों के सहारे अगले पांच बर्षों में राज्य से होने वाले एक्सपोर्ट को तिगुना करके पांच लाख करोड़ रूपये से अधिक करने और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने की नीति पर काम कर रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार 2025-30 के लिए नई एक्सपोर्ट नीति पर काम कर रही है। जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
उत्तरप्रदेश के इंडस्ट्रीयल विकास और एक्सपोर्ट प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि नई नीति में एक्सपोट को 2023-24 के 1.7 लाख करोड़ रुपये से 2030 तक तिगुना करने पर मुख्य रूप से ध्यान होगा। इसमें पूंजी सब्सिडी और एक्सपोर्टर्स के लिए रियासयतें भी शामिल होंगी हमने देश भर में विभिन्न सरकारों की एक्सपोर्ट नीतियों का गहन अध्ययन किया है और अपनी मसौदा नीति में सर्वोत्तम तौर तरीको को जगह दी है। हमारा उद्देश्य देश के समग्र एक्सपोर्ट में उप्र के योगदान को पर्याप्त रूप से बढाना है और प्रस्तावित नीति उस दिशा में एक कदम होगी। नई नीति में एक्सपोर्ट अवसंरचना विकसित करने के लिए निवेशकों को पूंजी सब्सिडी जैसी सुविाधाएं देने का भी प्रस्ताव है। एक डिजिटल सूचना केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। एक्सपोर्टर्स को सभी प्रासंगिक जानकारी मुहैया कराएगा। मंत्री ने कहा कि प्रस्थावित नीति में एक्सपोर्ट अवसंरचना के निर्माण के लिए निवेशकों को 10 करोड़ रुपये तक की पूंजी सब्सिडी प्रदान करने का प्रस्ताव है। एक समर्पित एक्सपोर्ट संवर्धन कोष स्थापित किया जायेगा, जिसका उपयोग वैश्विक सम्मेलनों में ब्रांड यूपी को बढ़ावा देने के लिए किया जायेगा और एक्सपोर्टर्स को भारतीय एक्सपोर्ट )ण गारंटी निगम ;ईसीजीसीद्ध के तहत वार्षिक प्रीमियम के भुगतान के लिए पांच लाख रूपये तक की सहायता भी दी जायेगी। नीति में प्रत्येक एक्सपोर्टक इकाई को 16 लाख रूपये की मौजूदा व्यवस्था के मुकाबले हर साल 25 लाख रूपये की सहायता देने की भी योजना है। नई नीति से एक्सपोर्टर्स को बंदरगाह तक माल पहुंचाने के लिए हर साल 30 लाख रूपये कतक का प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।