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भारत-यूके एफटीए से निर्यात को नया आयाम
By Textile Mirror - 01-08-2025

सीएमएआई ने बताया ऐतिहासिक अवसर
मुंबई/ भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को सीएमएआई ;क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडियाद्ध ने देश के परिधान निर्यात क्षेत्र के लिए एक ‘अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर’ बताया है। यह समझौता 2026 के अंत तक पूरी तरह लागू होगा, जिसके बाद दोनों देशों के बीच वस्त्र और परिधान व्यापार पर 0 प्रतिशत आयात शुल्क लागू हो जाएगा।
सीएमएआई के अध्यक्ष संतोष कटारिया ने कहा कि एफटीए लागू होने के बाद ब्रिटेन के बाजार में भारतीय परिधान, विशेष रूप से भारतीय पारंपरिक वस्त्रों की मांग में बड़ी वृ(ि होगी। ब्रिटेन में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी मौजूद हैं, जो भारतीय एथेनिक वियर के लिए एक मजबूत संभावित उपभोक्ता वर्ग बनाते हैं। इससे घरेलू पारंपरिक परिधान निर्माता भी अब निर्यात के क्षेत्र में उतर सकेंगे।
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि यूके से आयातित वस्त्र मुख्यतः लग्जरी और हाई-एंड कैटेगरी के होंगे। इसलिए, मुझे भारतीय घरेलू निर्माताओं की प्रतिस्पर्धा क्षमता पर पूरा विश्वास है। वे इस नई चुनौती का सामना करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
सीएमएआई के चीफ मेंटोर राहुल मेहता ने कहा कि यूके से शुल्क मुक्त आयात भारतीय ब्रांड्स और रिटेलर्स को गुणवत्ता, सेवा और ब्राण्डिंग में सुधार के लिए प्रेरित करेगा। यह प्रतिस्पर्धा अंततः भारतीय उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी सि( होगी, क्योंकि उन्हें बेहतर उत्पाद और सेवाएं प्राप्त होंगी।
एफटीए के तहत यह भी उम्मीद की जा रही है कि भारतीय निर्यातक पहले से ही ब्रिटेन के संभावित खरीदारों के साथ प्रारंभिक स्तर पर संपर्क स्थापित करना शुरू कर देंगे। इससे भारतीय परिधान उद्योग को समय से पहले वैश्विक मांगों के अनुरूप खुद को ढालने का अवसर मिलेगा।
सीएमएआई का यह दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि भारत का वस्त्र उद्योग एफटीए जैसे वैश्विक समझौतों को अवसर में बदलने के लिए तैयार है, और घरेलू एवं निर्यात दोनों मोर्चों पर मजबूती से आगे बढ़ने की क्षमता रखता है।

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