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नई दिल्ली/ वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही ;जनवरी से मार्च 2025द्ध में भारत के वस्त्र और परिधान क्षेत्र ने मिश्रित प्रदर्शन दर्ज किया।
निर्यात का प्रदर्शन-
जनवरी 2025- भारत के वस्त्र निर्यात में 70 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो 271.7 मिलियन डॉलर तक सिमट गया। इस गिरावट का मुख्य कारण बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के चलते भुगतान में उत्पन्न समस्याएँ रहीं।
मार्च 2025- वर्ष के अंत में निर्यात में सुधार देखा गया, जिससे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल वस्त्र और परिधान निर्यात 36.6 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत की वृ(ि है।
आयात का विश्लेषण-
जनवरी 2025- वस्त्र आयात में 41 प्रतिशत की वृ(ि हुई, जो 271.7 मिलियन डॉलर से बढ़कर 383.1 मिलियन डॉलर हो गया।
मार्च 2025- कच्चे कपास और अपशिष्ट के आयात में 61.97 प्रतिशत की वृ(ि हुई, जो 49 मिलियन डॉलर से बढ़कर 79 मिलियन डॉलर हो गया। इसी प्रकार, वस्त्र यार्न, फैब्रिक और मेड-अप्स के आयात में 19.98 प्रतिशत की वृ(ि दर्ज की गई, जो 161 मिलियन डॉलर से बढ़कर 193 मिलियन डॉलर हो गया।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत
भारत ने 2023-24 में वैश्विक वस्त्र और परिधान व्यापार में 3.9 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ छठा सबसे बड़ा निर्यातक बनने की स्थिति बनाए रखी।
वस्त्र और परिधान ;हस्तशिल्प सहितद्ध का भारत के कुल निर्यात में 8.21 प्रतिशत का योगदान रहा।
निष्कर्ष- जनवरी से मार्च 2025 की अवधि में भारत के वस्त्र और परिधान क्षेत्र ने चुनौतियों का सामना करते हुए निर्यात में गिरावट और आयात में वृ(ि का अनुभव किया। हालांकि, मार्च में निर्यात में सुधार और वैश्विक बाजार में भारत की मजबूत स्थिति से संकेत मिलता है कि यह क्षेत्र पुनः गति पकड़ रहा है।