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प्ब्।त् - ब्प्त्ब्व्ज् और बजाज स्टील इंडस्ट्रीज ने विकसित की प्री-ग्रूव्ड रोलर तकनीक
नागपुर/भारतीय कपास उद्योग में एक महत्वपूर्ण नवाचार के तहत, भारतीय क्ृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई ने बजाज स्टील इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नागपुर के साथ मिलकर एक नवीन प्री-ग्रूव्ड रोलर तकनीक विकसित की है। यह तकनीक पारंपरिक डबल रोलर जिनिंग मशीनों की सीमाओं को दूर करते हुए उत्पादन क्षमता, ऊर्जा दक्षता और श्रम लागत में सुधार लाने का वादा करती है।
प्रमुख विशेषताएँ-
उच्च उत्पादन क्षमता- नई प्री-ग्रूव्ड रोलर तकनीक से लिंट उत्पादन 63 किलोग्राम/घंटा/जिन से बढ़कर 70 किलोग्राम/घंटा/जिन हो गया है, जिससे संयंत्र की कुल क्षमता में वृ(ि हुई है।
ऊर्जा और श्रम लागत में कमी- इस तकनीक के उपयोग से ऊर्जा और श्रम लागत में 10 प्रतिशत तक की बचत संभव हुई है।
कम रखरखाव आवश्यकता- पारंपरिक रोलर्स की तुलना में, प्री-ग्रूव्ड रोलर्स को बार-बार री-ग्रूविंग की आवश्यकता नहीं होती, जिससे मशीन की डाउनटाइम में कमी आती है।
गुणवत्ता में सुधार- यह तकनीक फाइबर की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए उत्पादन में वृ(ि करती है, जिससे कपास उत्पादकों को बेहतर मूल्य प्राप्त होता है।
यह तकनीक महाराष्ट्र के 40 जिनिंग मिलों में 1,000 से अधिक यूनिट्स में सफलतापूर्वक स्थापित की गई है। नागपुर स्थित श्री कृष्णा कॉटन कंपनी ने 56 डीआर जिन्स में इस तकनीक को अपनाकर उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृ(ि दर्ज की है।
भारत में लगभग 5,000 जिनिंग फैक्ट्रियाँ और 1.2 लाख डीआर जिन्स हैं। इस तकनीक के व्यापक उपयोग से कपास बेल उत्पादन में 10 प्रतिशत की वृ(ि और 400 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत की संभावना है।
इस नवाचार को केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आईसीएआर के 96वें स्थापना दिवस पर सम्मानित किया गया है। आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक ने भी श्री कृष्ण कॉटन कंपनी का दौरा कर इस तकनीक की सफलता की सराहना की है।