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इचलकरंजी कपड़ा उद्योग में जोरदार तेजीकृविवाह, शीतकाल और क्रिसमस सीज़न की मांग से बाजार में आई नई जान
By Textile Mirror - 16-12-2025

इचलकरंजी/  स्थानीय कपड़ा उद्योग इन दिनों अपने चरम पर है। त्योहारों की छुट्टियों के ठीक बाद स्थानीय पावरलूम इकाइयाँ पूरी क्षमता के साथ उत्पादन में जुट गई हैं। इस समय विवाह सीज़न, शीतकालीन मांग और क्रिसमस त्यौहारकृइन तीनों के संयोग ने बाजार में असाधारण तेजी पैदा कर दी है। व्यापारियों के अनुसार यह समय पिछले कई महीनों की तुलना में सबसे अधिक लाभदायक बना हुआ है।
ग्रे फैब्रिक की मांग अभूतपूर्वकृदरों में लगातार मजबूती
इस सीज़न में बाजार की धुरी ग्रे फैब्रिक बना हुआ है। फिनिशिंग और डाइंग हाउसेज़ की ओर से ग्रे कपड़े की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है, जबकि उत्पादन इच्छित स्तर तक नहीं पहुँच पा रहा। इस असंतुलन के कारण आपूर्ति कमजोर और दाम मजबूत हैं। लगातार बढ़ती कीमतों ने पावरलूम उद्यमियों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है, क्योंकि उन्हें पहले के मुकाबले बेहतर मार्जिन प्राप्त हो रहा है। उद्योग से जुड़े व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि यह स्थिति न केवल कैश फ्लो को मजबूत कर रही है बल्कि उद्यमियों में दोबारा निवेश का उत्साह भी बढ़ा रही है।
उद्योग में आधुनिकीकरणकृशटललेस लूम्स की संख्या बढ़ी
इचलकरंजी का वस्त्रोद्योग तेजी से आधुनिकीकरण की दिशा में बढ़ रहा है। पारंपरिक लूम्स की तुलना में हाई-टेक शटललेस मशीनों की संख्या में वृ(ि दर्ज की जा रही है। इससे उत्पादन की गति और कपड़े की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आया है। स्थानीय यूनिटें अब बाजार के बदलते फैशन को तुरंत अपनाने में सक्षम हैं। शर्टिंग, सूटिंग, ड्रेस मटेरियल, लेडीज वियर, किड्स वियर जैसे विविध प्रोडक्ट्स का उत्पादन बढ़ा है, जिससे इचलकरंजी की प्रतिस्पर्धा राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो रही है।
विवाह और शीतकालकृदिसंबर बना ‘जैकपॉट’ महीना
दिसंबर का यह पखवाड़ा कपड़ा व्यापारियों के लिए ‘जैकपॉट’ सि( हो रहा है। विवाह सीज़न में शुभ मुहूर्तों की शुरुआत ने बाजार में भारी खरीदारी बढ़ा दी है। डिजाइनर और प्रीमियम फैब्रिक की मांग लगातार ऊँचाई पर है। साथ ही, ठंड बढ़ने से थर्मल वियर, स्वेटर्स, ऊनी टोपी, स्टोल्स और हल्के ब्लैंकेट्स की बिक्री भी तेजी पर है। कई थोक विक्रेताओं के अनुसार बिक्री में 25-30 प्रतिशत तक की वृ(ि देखने को मिल रही है।
क्रिसमस थीम वाले कपड़ों की मांग में उछाल
क्रिसमस त्यौहार का असर कपड़ा उद्योग पर साफ दिखाई देता है। कॉन्वेंट स्कूलों और ईसाई समुदाय बहुल इलाकों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के चलते लाल और हरे मखमली फैब्रिक की मांग में अप्रत्याशित वृ(ि हुई है।
सांता क्लॉज की वेशभूषा, बच्चों की फ्रॉक्स, स्टेज डेकोरेशन और स्कूल आयोजनों में इन फैब्रिक का व्यापक उपयोग होता है। सफेद नकली फर, गोल्ड-सिल्वर सीक्विन फैब्रिक, नेट और ट्युल जैसे उत्पादों की बिक्री भी इस समय अपने सर्वाेच्च स्तर पर है।
चर्च समारोहों के लिए भी औपचारिक कपड़ों की मांग बढ़ी है। पुरुषों द्वारा सूट और ब्लेज़र जबकि महिलाओं द्वारा गाउन और सादगीपूर्ण ड्रेसेज़ की खरीदारी बढ़ रही है। होम टेक्सटाइल में भी क्रिसमस थीम वाले पर्दे, टेबल क्लॉथ और नैपकिन की अच्छी मांग बनी हुई है।
महानगरपालिका चुनावों से भी बढ़ा कारोबार
जनवरी 2026 में होने वाले इचलकरंजी महानगरपालिका चुनावों का भी कपड़ा उद्योग पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ रहा है। चुनावी प्रचार सामग्री के लिए झंडे, स्कार्फ, टोपी, खादी और सफेद कपड़ों के विशेष ऑर्डर मिलने लगे हैं, जिससे कुछ इकाइयों के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।
कामगारों की कमीकृएकमात्र चुनौती
हालांकि बाजार में मांग चरम पर है, लेकिन उद्योग अभी भी कुशल कामगारों की कमी से जूझ रहा है। चुनावी गतिविधियों के चलते कुछ श्रमिक अस्थायी छुट्टी ले सकते हैं, जिससे उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका है। उद्योग को इस चुनौती से निपटने के लिए पहले से रणनीति बनानी होगी।
सूत बाजार स्थिरकृभुगतान व्यवस्था में सुधार
सूत की दरों में स्थिरता बनी हुई है और ग्रे कपड़े की मांग के कारण सूत की खपत नियमित है। सबसे सकारात्मक संकेत यह है कि कपड़ा बिलों के भुगतान समय पर हो रहे हैं, जिससे वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है।
कुल मिलाकर इचलकरंजी का कपड़ा बाजार इस समय मांग-आधारित उछाल का आनंद ले रहा है। विवाह, शीतकाल और क्रिसमसकृतीनों सीज़न ने बाजार को नई ऊर्जा दी है। आधुनिकीकरण और मजबूत बिक्री ने उद्योग को सकारात्मक दिशा दी है, हालांकि श्रमिक प्रबंधन उद्योग की प्रमुख चुनौती बनी हुई है।

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