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संपन्न भारत बनेगा विश्व विकास का सेतु 
By Textile Mirror - 26-09-2024

इकोनोमिक टाइम्स द्वारा आयोजित विश्व नेताओं के फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह तो स्पष्ट कर दिया है कि भारत आर्थिक गतिशीलता के क्षेत्र में अब रूकने वाला नहीं है। घरेलू स्तर पर जातिगत जनगणना जैसे मुद्दे उठाकर विपक्ष अवश्य ही देश में जातिगत विभाजन का प्रयास कर रहा है और उसमें उसको जाति व धर्म के नाम पर सफलता भी कुछ हद तक मिल सकती है। लेकिन यह एक सच्चाई है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारत विश्व स्तर पर तेजी से विकास कर रहा है। भारत की विकास दर विश्व स्तर पर सर्वाधिक है और यह विकास समेकित स्तर पर देखा जा सकता है, क्योंकि इन दस वर्षों के दौरान सरकार ने एक और देश के गरीब को सक्षम बनाने के लिए जनधन योजना 80 करोड़ नागरिकों को अनाज की योजना स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया है। 5 करोड़ लोगों को स्थाई मकान बनाकर दिए है तो संपूर्ण देश से पक्की सड़कों के माध्यम से जोड़कर ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बढ़ाकर ग्रामीण स्तर पर आर्थिक सशक्तिकरण का कार्य भी किया है। प्रधानमंत्री ने एक महत्वण्पूर्ण बात विकास को लेकर भी कही है। संपूर्ण विश्व की सामूहिक विकास दर गत दस वर्षो के दौरान 36 प्रतिशत रही है, वहीं भारत की सामूहिक विकास दर दस वर्षों में 90 प्रतिशत के स्तर को पार कर गई है। भारत की इस विकास दर में निरंतर स्थिरता व गतिशीलता देखी जा सकती है। गत एक दशक के दौरान करोड़ों भारतीयों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण बदलाव व सुधार आया है। देश में सुशासन उपलब्ध करने का भी हरसंभव प्रयास शिक्षा स्वास्थ्य व रोजगार के माध्यम से किया गया है। 
आज भारत का विकास विश्व स्तर पर सुर्खियों में है। विश्व की सभी संस्थाएं 7-8 प्रतिशत आर्थिक विकास को निश्चित मानकर भारत को एक महत्वपूर्ण औद्योगिक विनिर्माण व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के केंद्र के रूप में देख रही है। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि गत एक दशक के दौरान 25 करोड़ की आबादी अब मध्यम वर्ग के रूप में ट्रांसफोर्म हो गई है और इसी का परिणाम है कि भारत में औद्योगिक उत्पादन कृषि उत्पादन व सेवा क्षेत्र का बहुत तेजी से विस्तार हुआ है। देश के गरीब की वर्षों पूर्व बैंक खाते तक पहुंच नहीं थी। आज 60 करोड़ लोगों को बैंक खाातों के माध्यम से प्रत्यक्ष हस्तांतरण का लाभ सरकार की ओर से प्राप्त हो रहा है। आज देश में बुनियादी ढांचागत विकास पर खर्च कर रही है। इससे देश में नागरिकों के जीवन स्तर में व्यापक बदलाव आया है। दस वर्ष पूर्व सरकार केवल 2 लाख करोड़ रूपये ही प्रतिवर्ष बुनियादी ढांचागत विकास पर बजट से आवंटन करती थी।
गत चुनावों से सम्पन्न हुए अभी तक 100 दिन भी पूरे नहीं हुए है, लेकिन सरकार ने अपनी कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन में व्यापक गतिशीलता का परिचय दिया है। 28600 करोड़ की लागत से 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों के निर्माण की शुरूआत कर दी गई है तो एक लाख करोड़ रुपये के कृषि बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने का कार्य शुरू किया गया है। सरकार ने देश के गरीबों के लिए 3 करोड़ नए मकान बनाने के कार्य को भी स्वीकृति दे दी है और इस दिशा में कार्य की शुरूआत कर दी गई है। इसके साथ ही यूनिफाइड पेंशन योजना की घोषणा भी की प्रधानमंत्री योजना की घोषणा की गई है, जिससे 4 करोड़ युवाओं को प्रत्यक्ष लाभ होगा। 100 दिन के दौरान ही 11 लाख महिलाएं लखपति दीदी के रूप में प्रतिष्ठित हुई है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। हाल ही में पालघर मुंबई में 75000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बकंदरगाह का शिलान्यास किया गया है। इसके अलावा 50000 करोड़  रूपये की लागत से बनने वाले हाई स्पीड कोरीडारेर्स की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा पूना, थाने, बेंगलुरू मेट्रो  प्रणाली के विकास के लिए भी 30000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है पूर्व में तो सरकार केवल रेलवे डिब्बों का ही निर्माण करती थी लेकिन अब सरकार ने नई आधुनिक वंदे भारत ट्रेनों की शुरूआत की है जो  पूर्ण रूप से स्वदेंशी है। देश में सड़क निर्माण पर बहुत तेजी से कार्य हुआ है, लेकिन आधुनिक क्षमता के एक्सप्रेस वे के साथ बड़ी संख्या में हवाई अड्डों का भी विकास कर रही है। दस वर्ष में हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 150 हो गई है। सड़कों की लंबाई निर्माण की दृष्टि से 91000 किलोतीटर से बढ़कर 1.50 लाख किलोमीटर हो गई है और इससे भारत के टियर -2 व टियर -3 शहर देश के बड़े शहरों से जुड़ गए है। 
आज सभी भारतीयों की यही महत्वाकांक्षा है कि भारत विश्व का महत्वपूर्ण औद्योगिक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित हो, इसी संदर्भ में भारत के एमएसएमई क्षेत्र को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिल रहा है। सरकार पूरा सहयोग कर रही है। देश के स्तर पर बड़े औद्योगिक पार्कों की स्थापना की जा रही है। जहां सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध की जा रही है। सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त शिथिलता को भी समाप्त करने का प्रयास किया है। ताकि भारतीय युवा पीड़ी को उच्च शिक्षा के लिए विदेश नहीं जाना पड़े यह संख्या बहुत घटी है। देश में 70 वर्ष के दौरान केवल 80000 एमबीबीएस सीट्स थी, आज यह संख्या बढ़कर 180000 हो गई है और सरकार ने 75000 और नई सीटे जोड़ने की घोषणा की है। भारत ने मेड इन भारत खाद्यपदार्थों को संपूर्ण विश्व के स्तर पर पहुंचाने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। 
भारत विश्व के अग्रणी हरित उर्जा क्षमता के सृजन वाले देशों में शामिल हो गया है। भारत की पहल पर ही अंतर्राष्ट्रीय सोलर एलायंस की शुरूआत हुई है। भारत ने 5 मि. टन ग्रीन हाइड्रोाजन के उत्पादन की क्षमता अर्जित करने के प्रयास तेज कर दिए है तथा भारत ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट हरित उर्जा के उत्पादन की दिशा में प्रयास तेज कर दिये है। भारतीय पर्यटकों के विदेशी लगाव को कम करने के उद्देश्य भारत ने अपने समुद्र तटीय क्षेत्र व द्वीपों का पर्यटन की दृष्टि से समग्र विकास करने का निर्णय किया है। जी 20 देशों की अध्यक्षता के साथ भारत ने ग्लोबल साउथ का नारा देकर अपने अफ्रीकी  सहयोगी देशों के मनोबल को बढ़ाने का कार्य किया है और इससे दक्षिण क्षेत्र के सभी विकासशील देश लाभांवित होंगे। भारत  ने भविष्य की आवश्यताओं को ध्यान दमें रखकर ही ग्रीन हाइडोजन क्वांटम मिशन से भी कंडक्टर मिशन डीप ओशियन मिशन की शुरूआत की है, ताकि भारत से भी कंडक्टर व ग्रीन उर्जा के संदर्भ में आत्मनिर्भर बन सके। यह सभी प्रयास निश्चित रूप से भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में सबल शक्ति के रूप में आगे बढ़ पाने का प्रयास कहा जा सकता है। देश की अधिक से अधिक कंपनियां विकसित स्तर पर ग्लोबल ब्रांड के रूप में सफल हो सके। सरकार इस दिशाा में भी सहयोग कर रही है। 
आज भारत को अनेक संभावनाओं वाले देश के रूप में देखा जा रहा है। भारत ने जिस तेजी के साथ गत दशक के दौरान विकास किया है और आज भी  कर रहार है। यह विश्व आर्थिक विकास के लिए के रूप में देखा जा सकता है जहां निर्यात एक दशक में 400 बि. डॉलर से बढ़कर 800 बि. डॉलर हो गया है। मुद्रा प्रसार दर पूरी तरह नियंत्रित है। स्वास्थ्य खर्च भी 37000 करोड़ से बढ़कर 90000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष हो गया है। इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 347 से बढ़कर 700 हो गई है। विद्युत उत्पादन क्षमता 2.3 लाख मेगावाट से बढ़कर 4.6 लाख मेगावाट हो गया है। 

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