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अच्छी डिमाण्ड लेकिन दिवाली छुट्टियों के चलते उत्पादन बाधित
By Textile Mirror - 05-11-2024


बालोतरा/ माल तैयार करने के प्रति जो उत्सुकता का माहौल विद्यमान समय में परिलक्षित हो रहा है। वह अपने आप में विशेष संतोषप्रद है। लम्बे विगत समय से जो औद्योगिक गतिविधियां सुस्ती के माहौल में बंद थी उनमें अचानक स्फूर्ति का उदय हुआ है। जिसका आभास सहज में ही हो जाता है। स्थानीय तौर पर लगभग 15 से 20 दिनों तक दीपावली के संदर्भ में उत्पादन कार्य ठप रहता है। इस समय में जल प्रदूषण नियंत्रण एवं निराकरण संयंत्र शोधन हेतु प्रदूषित जल को नहीं स्वीकारता। 
स्मरण रहे बालोतरा की अधिकांश उत्पादन प्रक्रियाएं जल आधारित होने से उद्योग में जल का महत्व सर्वाधिक बना रहता है। वर्तमान स्थिति में एक तरफ त्यौंहारी ताना-बाना आगे लम्बे समय तक वैवाहिक धूम के प्रसंगों से दिशावरी मण्डियों के अनुभवी व्यापारी बराबर तैयार माल की मांग के ऑफर भेजकर तुरंत चालानी की दरकार कर रहे हैं। वास्तविकता यह है कि श्रमिकों की कमी के परिणामस्वरूप उत्पादन हरसंभव कोशिशें के बावजूद आंशिक ही आ पा रहा है। इस कारण उत्पादक व्यापारी को स्पष्ट बता दे रहा है कि उपलब्ध माल तो चालानी में तुरंत आ जायेगा किंतु आधी अधूरी रंगाबेजी वाला माल अगले कई दिनों तक आ नहीं पायेगा।, क्योंकि आगे न तो उत्पादन हो पायेगा और न हीं चालानी कुछ भी हो इन दिनों पोपलीन की चमक पूर्ववर्ती अभाव से ज्यादा मुखरित हो चली है। पैकिंग के आधुनिक आकर्षण ने इसमें जान कर कलेवर बढ़ा दिया है। उत्पादकों ने माल की गुणवत्ता में चार-चांद लगा दिये हैं। यही कारण है कि माल तो पोपलीन ही है, पर उत्पादक अपने ब्राण्ड के अनुसार अपने भाव में माल बेचते है। उत्पादकों का कहना है कि जिस पोपलीन ब्राण्ड के भाव ज्यादा है। उसमें ग्रे क्लॉथ भी उत्तम क्वालिटी का प्रयुक्त होता है। उसके उत्पादन के हर स्टेज पर विशेष तवज्जो दी जाती है। ऐसी क्वालिटी में रंग-रसायन आदि भी स्टेण्डर्ड काम में लिये जाते हैं। मण्डियों के व्यापारी भी कम प्रवीण नहीं है वे अच्छी प्रकार जानते हैं कि उनके ग्राहक किस रेंज के माल को पसंद करते हैं। उसी दृष्टि से उस स्तरीय माल को खरीदते हैं। यह स्थ्तिि केवल पोपलीन तक ही सीमित नहीं है। पेटीकोट, अस्तर, रूबिया, केशमेंट, साड़ी फॉल पोकेटिंग क्लॉथ, टेंट क्लॉथ आदि के भावों का निर्धारण भी इसी आधार पर होता है। 
पर्याप्त माल के तैयार होने की संभावनाएं सीमित होने से उत्पादक नया ग्रे क्लॉथ खरीदने में रूचि नहीं रख रहे है। वर्तमान परिस्थ्तिियों में स्टोक में पड़ा माल भी तैयार होना सहज नहीं है। इन हालात में ग्रे क्लॉथ  के सौदे नहीं हो पा रहे हैं। ग्रे क्लॉथ के इसी आधार के बदौलत भाव स्थिर अवस्था में चल रहे हैं। इस क्षेत्र में नाईटी शर्टिंग, बेबी सूट, सलवार सूट  के साथ अन्य कई गारमेण्ट के आइटम तैयार हो रहे है और ऐसे उत्पादकों का मानना है कि एक दिन ऐसा आयेगा कि पोपलीन के समान ही गारमेण्ट क्षेत्र में वर्चस्व बढ़ेगा। 
दीपावली के परिपेक्ष में भवनों, कारखानों, मंदिरों व रास्तों को विशेष संवारने का कार्य चल रहा है। धार्मिक स्थलों पर पूजा अर्चना व व्याख्यान के कार्यक्रम गतिशील है। उद्यमियों को जो आभास लग रहा है उससे आगामी सीजन स्वार्णिम रूप में उपस्थिति होकर एक नव संरचना को मूर्तरूप देने में सफल होगी।

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