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राज्य की सूत गिरणी बंद होने के कगार पर
By Textile Mirror - 25-10-2024


कोल्हापुर/ दुनियाभर कपास का उत्पादन कम होने से ओऱ दूसरी ओर कपडा उद्योग में आ गई मंदी के चलते सूत के दर कम हो गए हैं। जिससे राज्य की सूत गिरणी बंद की होने की कगारपर है।
इस हप्ते कपास के दर में प्रति खंडी चार से पाच हजार रुपए बढ़ोतरी हुई है और सूत के दर में प्रतिकिलो 10 से 12 रुपए कमी आ गई है। जिससे यह व्यवसाय चलाना कठिन हो रहा है। जबकि ऐसे ही हालात रहे तो दिवाली के बाद सूत गिरणी बंद रखनी होगी ऐसी स्थिती में मालक लोग आ गए हैं।
पिछले दो तीन हंगाम में कपास के दर में बढ़ी बढ़ोतरी हुई है। इस विपरीत असर पावरलूमधारक, सूत गिरणी, कपड़ा प्रक्रिया इस तरह पूरी साखली पर असर हो रहा है। देश के साथ अमेरिका और इजिप्त का कपास का उत्पादन कम होनेसे कपास के दर बढ़े हैं तो दूसरी ओर कई राज्यों में अतिवृष्टी होने से उसका असर कपड़ा उत्पाद पर होने वाला है। इससे फिर से कपास के दर बढ़ने वालंे हैं। माह पहले 75 हजार रुपए प्रतिखंडी ;प्रतिखंडी यानी 356 किलोद्ध होने वाला कपास का दर 61 हजार रुपए तक पहुंचा। लेकिन वह भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में कपास के दर और बढें़गे यह चिंता सूत गिरणी चालकों के सामने है।
कपास जैसे प्रमुख कचे माल में हमेशा दरवाढ होने से सूत गिरणी का उत्पादन खर्चा बढ़ रहा है। लेकिन सूत को दर नहीं मिल रहा है। मंदी के चलते सूत को अपेक्षित दर नहीं मिल रहा है। दिनांे दिन दर कम हो रहे हैं। 32 नंबर इस सूत की एक पहले हप्ते प्रति 5 किलो को 1275 रुपए से बिक्री हो रही थी। यह दर एक हप्ते में 1265 रुपए पर आ गया है।

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