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उद्योग द्वारा भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्धी बनाने एवं निर्यात प्रोत्साहित करने की मांग
नई दिल्ली/ इस बार केन्द्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश होने वाले बजट में टेक्सटाइल उद्योग की मांगों पर विचार कर सकती है। इस उद्योग के लिए बजट में , आर्थिक सहायता एवं निर्यात प्रोत्साहन सहित कच्चे माल को प्रतिस्पर्धी दर पर उपलब्ध कराने के उपाय किए जा सकते हैं।
सरकार अगले महीने पेश होने वाले बजट में टेक्सटाइल सेक्टर के लिए वित्तीय सहायता, कच्चे माल के आयात शुल्क में कटौती और घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उपाय कर सकती है।
कई वर्षों से टेक्सटाइल सेक्टर का निर्यात लगभग स्थिर है फिर भी वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान टेक्सटाइल सेक्टर के निर्यात में सुधार हो रहा है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत की स्थिति मजबूत होती दिख रही है। इस सेक्टर ने सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया है। दरअसल बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के चलते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय गारमेण्ट निर्यात को अच्छा अवसर मिला है। बांग्लादेश का निर्यात घट रहा है जबकि भारतीय निर्यात बढ़ रहा है। अमेरिकी आयातक अपने ऑर्डर भारत में स्थानांतरित कर रहे हैं। सरकार इस अवसर का फायदा उठाने के लिए आगामी बजट में निर्यात बढ़ाने के उपायों की घोषणा कर सकती है।
अभी कई कारणों से भारतीय उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उतने प्रतिस्पर्धी नहीं है। उद्योग भारतीय उत्पादों की लागत कम करने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ा कर निर्यात प्रोत्साहित करने की मांग कर रहा है ताकि भारतीय टेक्सटाइल उद्योग वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर सके।
टेक्सटाइल उद्योग निवेश को आकर्षित करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का दायरा और बजट बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है। टेक्सटाइल प्रोद्योगिकी उन्नयन योजना समाप्त होने के बाद उद्योग नए प्रौद्योगिकी और आधुनिक मशीनरी के लिए अनुदान की मांग कर रहा है। टेक्सटाइल उद्योग छोटी और मझोली इकाइयों के लिए कर अनुपालन को सरल बनाने तथा जीएसटी दरों में स्थिरता और सुधार की उम्मीद कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए निर्यात पर टेक्स रियायतें और नए प्रोत्साहन पैकेज की मांग की जा रही है। मुक्त व्यापार समझौतों को और अधिक देशों के साथ लागू करने की उम्मीद की जा रही है। टेक्सटाइल पार्क, क्लस्टर और लॉजिस्टिक नेटवर्क के विकास के लिए अधिक बजट आवंटन की उम्मीद है। परिवहन और भंडाकरण लागत कम करने के लिए सरकार से अनुदान की अपेक्षा की जा रही है। एमएसएम टेक्सटाइल इकाइयों के लिए कम ब्याज दर पर )ण उपलब्ध कराने और )ण प्रक्रिया को सरल करने की आवश्यकता है। वित्तीय सहायता और वर्किंग कैपिटल )ण के लिए नई योजनाओं की उम्मीद है।
टेक्सटाइल उद्योग को उम्मीद है कि सरकार 2025-26 के बजट में इस उद्योग के समक्ष मौजूद चुनौतियों को दूर करने के उपाय करेगी और इस उद्योग को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में और प्रतिस्पर्धी बनाने के उपाय करेगी। उद्योग की अपेक्षा है कि सरकार रोजगार, निर्यात और उत्पादन के लिए मजबूत नीतियों की घोषणा करेगी।