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धोखेबाज व्यापारियों के खिलाफ एक बार फिर एकजुट होने की तैयारी में भीलवाड़ा कपड़ा निर्माता
भीलवाड़ा/स्थानीय टेक्सटाइल मंडी में भुगतान संकट गहराता जा रहा है। कई वाट्सग्रुप में ग्रुप सदस्यों के आपस में फोन पर बात होने के बाद यह सामने आया है कि कुछ एजेंट और दिशावर व्यापारी जानबूझकर भुगतान रोककर गलत फायदा उठा रहे हैं। जिससे कई व्यापारियों की बड़ी राशि फंसी हुई है जिससे स्थानीय कपड़ा निर्माताओं में नाराजगी और अविश्वास का माहौल बढ़ता जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय कपड़ा निर्माताओं ने अगर तथाकथित एजेण्ट्स एवं उनके व्यापारियों ने निर्धारित समय में पेमेण्ट नहीं भेजा या हिसाब क्लीयर नहीं किया तो सभी व्यापारी भीलवाड़ा टेक्सटाइल टेªड फेडरेशन के माध्यम से कठोर रुख अपनाने का मन बना रहे हैं।
ग्रुप में कहा गया है कि ‘आप स्वयं को कमजोर न समझें। जो भी एजेंट या व्यापारी गलत व्यवहार कर रहा है, चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे 10 से 15 दिन का अंतिम समय दें कि वह अपनी एकाउंट क्लियर करे। यदि तय समय में भुगतान नहीं हुआ तो फेडरेशन, व्यापारिक ग्रुप एवं टेक्सटाइल मिरर समाचार पत्र में उस एजेंट या व्यापारी का नाम, पता, फोटो और जीएसटी नंबर सार्वजनिक किया जाएगा।’
व्यापारियों ने यह भी बताया कि ऐसे लोगों को आगे भीलवाड़ा मंडी में कारोबार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही ग्रुप के सभी सदस्यों से यह भी अपील की गई है कि वे केवल विश्वसनीय एजेंटों से व्यापार करें, भुगतान समय पर लें और धोखेबाज व्यापारियों एवं एजेण्ट्स की पूरी जानकारी ग्रुप में साझा करें ताकि अन्य निर्माता सतर्क हो सकें।
उद्योग जगत का मानना है कि यदि यह सख्ती बरकरार रही तो बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और गलत प्रवृत्ति वाले एजेंटों व व्यापारियों को सबक मिलेगा। यह अभियान भीलवाड़ा के टेक्सटाइल समुदाय के भीतर विश्वास, अनुशासन और आर्थिक सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। ऐसा करना अब भीलवाड़ा मण्डी के लिए बहुत जरूरी भी हो गया है।
विदित रहे कि सूरत में भी सूरत मर्केन्टाइल एसोसिएशन द्वारा पेमेण्ट के जुड़े मुद्दों को हर सप्ताह मीटिंग करके सुलझाया जाता है। अतः भीलवाड़ा में भी फेडरेशन द्वारा भी स्थानीय मण्डी में व्याप्त पेमेण्ट की समस्या को सुलझाने हेतु मासिक मीटिंग किया जाना चाहिए। एक अनुमान के मुताबिक यहां के कपड़ा निर्माताओं के दिशावरी व्यापारियों में लाखों रुपये फंसे हुए है लेकिन अपनी इज्जत बचाने के चक्कर में कपड़ा निर्माता ऐसे धोखेबाज व्यापारियों की जानकारी आपस में साझा नहीं करते है जिनका खामियाजा अन्य निर्माताओं को भी भुगतना पड़ता है।
यहां प्रस्तुत है स्थानीय मण्डी के प्रमुख व्यापारियों के इस विषय पर उनके विचार-
