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नई दिल्ली/ भारत की फैशन इंडस्ट्री ग्लोबल इकोनोमिक चेलेंजेज के बावजूद आने वाले समय में तेजी से आगे बढ़ने वाली है। देश की फैशन में इस तेजी का कारक बढ़ता मध्यम वर्ग और घरेलू ब्राण्डों के लिए बढ़ती पसंद बनेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार फैशन इंडस्ट्री का विकास देश के आर्थिक विस्तार को लेकर अहम भूमिका निभाएगा। द बिजनेस ऑफ फैशन और मैकेंसे एण्ड कंपनी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था में एन्यूअल लेवल पर सात प्रतिशत की वृ(ि का अनुमान है, जो अन्य सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से आगे है। इससे भारत वर्ष 2027 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कन्ज्यूमर मार्केट बन जायेगा, जो घरेलू और इंटरनेशनल फैशन ब्राण्ड्स के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करेगा।
मैकेंसे फेशन ग्रोथ फोरकास्ट 2025 रिपोर्ट दिखाती है कि वर्ष 2025 में भारत में लग्जरी ब्राण्ड को लेकर रिटेल सेल एन्यूअल लेवल पर 15 से 20 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो कि अमेरिका में 3-5 प्रतिशत और यूरोप में 1 से 3 प्रतिशत ही बढ़ सकता है। वही, नॉन-लग्जरी ब्राण्ड को लेकर रिटेल सेल सालाना आधाार पर 12 से 17 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो कि अमेरिका में 3-4 प्रतिशत और यूरोप में 2 से 4 प्रतिशत ही बढ़ सकता है।
रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार फैशन इंडस्ट्री को लेकर भारतीय उपभोक्ताओं के बीच घरेलू ब्राण्डों के लिए बढ़ती प्राथमिकता एक बड़ा कारक है। अब 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग घरेलू ब्राण्ड पसंद करते है, जो 2011 से 35 प्रतिशत की वृ(ि को दर्शाता है। यह प्राथमिकता विशेष रूप से गैर लग्जरी सेगमेंट में मजबूत बनी हुई है, जहां पारंपरिक परिधानों में विशेषज्ञता रखने वाले स्थानीय ब्राण्डों की मजबूत पकड़ है।
वहीं इंटरनेशनल ब्राण्ड अभी भी लग्जरी सेगमेंट मंे अपना दबदबा बनाए हुए है। मेंगो, डेकाथलॉन और बुलगारी जैसे ब्राण्ड भारत में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहे है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमान है कि भारत का मध्यम वर्ग वर्ष 2050 तक एक बिलियन तक पहुंच जायेगा, जो बढ़ती डिस्पोजेबल आय के साथ एक बडे उपभोक्ता आधार को दर्शाएगा। इसके अलावा इस तेजी को लेकर भारत में एक युवा और ट्रेंड के प्रति जब उपभोक्ता आधार भी अहम होगा। 35 वर्ष से कम आयु की 66 प्रतिशत आबादी ने शैलियों और ब्राण्डों को अपनाने के लिए उत्सुक है। इसी तरह इंटरनेट की बढ़ती पहुंच फैशन के रूझानों को तेज कर रही है और ई कॉमर्स को बढ़ावा दे रही है। इससे ब्राण्डों को उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए तरीके मिल रहे है। जो फैशन इंडस्ट्री के विकास के लिए सकारात्मक माना जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार फैशन इंडस्ट्री के विकास के लिए सकारात्मक माना जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार फैशन इंडस्ट्री के विकास को लेकर उच्च परिधान आयात कर जटिल क्षेत्रीय बारीकियां और ग्राहकों को सुचारू और कुशल वितरण सुनिश्चित करना चुनौती बने रहेंगे।