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इचलकरंजी में दीपावली पर वस्त्र उद्योग की ऐतिहासिक रौनक
By Textile Mirror - 08-11-2025

बोनस वितरण से कामगारों में उत्साह और बाजार में उछाल
इचलकरंजी / महाराष्ट्र के ‘मैनचेस्टर’ के नाम से विख्यात वस्त्र नगरी इचलकरंजी में इस वर्ष दीपावली का महापर्व पहले से कहीं अधिक उल्लास और भव्यता के साथ मनाया गया। कपड़ा उद्योग से जुड़े लाखों लोगों के लिए यह पर्व केवल खुशियों का नहीं, बल्कि आर्थिक समृ(ि और मेहनतकश कामगारों की प्रतिष्ठा का प्रतीक भी बन गया।
दीपावली से पूर्व यहाँ की परंपरा के अनुसार, उद्योगों की ओर से लगभग एक लाख कामगारों को दीपावली बोनस का वितरण किया गया। यह बोनस मात्र अतिरिक्त आय नहीं, बल्कि उनके परिश्रम और समर्पण का सम्मान था। बोनस मिलने से कामगारों के घरों में खुशियाँ लौटीं और बाजारों में खरीदारी की रौनक बढ़ी। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई जान आई और खुदरा कारोबारियों को भी इसका लाभ मिला।
इस वर्ष दीपावली सीजन में उपभोक्ता रुझानों में स्पष्ट परिवर्तन देखने को मिला। सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों के कारण लोगों ने निवेश का रुख कपड़ों और अन्य उपभोग्य वस्तुओं की ओर मोड़ा। इसका सीधा फायदा इचलकरंजी के वस्त्र बाजारों को मिला। शहर के होलसेल मार्केट, मॉल्स, और गलियों में ग्राहकों की इतनी भीड़ रही कि जगह-जगह पर खरीदारी के लिए लंबी कतारें लग गईं। रेडीमेड, सूटिंग-शर्टिंग, कुर्ता फैब्रिक, लेडीज़ ड्रेस मटेरियल और बच्चों के ट्रेंडी परिधानों की बिक्री ने रिकॉर्ड तोड़ दी।
व्यापारिक उलाढाल में बड़ा उछाल
दीपावली के पांच दिनों में इचलकरंजी के कपड़ा बाजार में करोड़ों रुपये का व्यापार हुआ। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इस वर्ष का व्यापार पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 20-25 प्रतिशत अधिक रहा। बढ़ी हुई बिक्री ने यह संकेत दिया कि वस्त्र उद्योग पुनः मजबूती से उभर रहा है और बाजार की धारणा सकारात्मक बनी हुई है।
त्योहार के बाद हालांकि उद्योग में एक अल्पकालिक ठहराव शुरू हो गया है। 20 अक्टूबर से दीपावली की छुट्टियाँ घोषित होने के बाद अधिकांश पावरलूम इकाइयाँ बंद हैं। करीब पंद्रह दिनों तक उत्पादन बंद रहने की संभावना है क्योंकि कामगार अपने-अपने गाँव लौट चुके हैं। इससे ग्रे फैब्रिक की आपूर्ति अस्थायी रूप से घट सकती है, लेकिन उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति अस्थायी है और छुट्टियों के बाद उत्पादन पुनः तेजी से शुरू हो जाएगा।
ग्रे फैब्रिक और सूत बाजार की स्थिति
त्योहारी सीजन से पहले ग्रे कपड़े की मांग में लगातार वृ(ि दर्ज की गई थी। थोक बाजारों से आने वाले ऑर्डर पर्याप्त रहे और जॉब वर्क करने वाले उद्यमियों को भी बेहतर जॉब रेट मिला। इससे उद्योग में वित्तीय स्थिरता आई।
उत्पादन रुकने के बावजूद सूत बाजार में कीमतों के स्थिर रहने की संभावना जताई जा रही है। उद्योग सूत्रों के अनुसार, स्पिनिंग मिलें और वितरक पहले से ही स्टॉक तैयार कर रहे हैं ताकि छुट्टियों के बाद बढ़ी मांग को पूरा किया जा सके। इससे किसी भी प्रकार की कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव की संभावना नहीं है।
कामगारों की वापसी और नई शुरुआत की तैयारी
दीपावली की छुट्टियों के बाद कामगारों के लौटने में कुछ समय लगता है। इस दौरान उत्पादन धीरे-धीरे अपनी सामान्य गति पकड़ता है। व्यापारी वर्ग इस समय का उपयोग नए सीजन और आगामी त्यौहारों कृजैसे नया साल और वसंतोत्सव की रणनीति तैयार करने में कर रहा है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेमौसम बारिश से कृकृषि को नुकसान हुआ है, जिससे ग्रामीण खरीद शक्ति पर कुछ असर पड़ सकता है। हालांकि, इचलकरंजी की मजबूत औद्योगिक संरचना और निरंतर मांग यह सुनिश्चित करती है कि कपड़ा उद्योग की रफ्तार थमने वाली नहीं है।
दीपावली ने इचलकरंजी के वस्त्र उद्योग को नई ऊर्जा और आशा प्रदान की है। बोनस वितरण से मजदूर वर्ग में उत्साह बढ़ा, व्यापारिक गतिविधियाँ तेज़ हुईं, और बाजार में विश्वास लौटा। त्यौहार के बाद का यह छोटा सा ठहराव उद्योग को और संगठित होकर आगे बढ़ने की तैयारी का अवसर दे रहा है। आने वाले दिनों में जब पावरलूम मशीनें फिर से गरजेंगी और बाजारों में मांग का नया दौर शुरू होगा, तब यह वस्त्र नगरी एक बार फिर अपनी आर्थिक चमक से पूरे महाराष्ट्र को रोशन करेगी।

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