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ब्राज़ील के फैशन ब्राण्ड पारदर्शिता में फेल कृ 
By Textile Mirror - 24-11-2025

60 प्रतिशत से अधिक कंपनियाँ नहीं बता रहीं कार्बन उत्सर्जन के आँकड़े
साओ पाउलो/ ब्राज़ील के फैशन उद्योग पर हाल ही में जारी ‘फैशन ट्रांसपरेन्सी इण्डेक्स ब्राजील 2025’ रिपोर्ट ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, देश के 60 प्रतिशत से अधिक प्रमुख फैशन ब्रांड अभी भी अपने कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं।कृ विशेष रूप से स्कोप 1, स्कोप 2 और स्कोप 3 उत्सर्जन से संबंधित डेटा का खुलासा नहीं किया जा रहा।
यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘फैशन रिवोल्यूशन ब्राजील’ द्वारा प्रकाशित की गई है, जो वैश्विक स्तर पर फैशन उद्योग में जवाबदेही, पर्यावरणीय पारदर्शिता और श्रमिक अधिकारों को बढ़ावा देती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्राज़ील के 60 में से 36 बड़े ब्राण्डों ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला या उत्सर्जन से जुड़ी कोई संपूर्ण रिपोर्ट साझा नहीं की है।
क्या हैं स्कोप 1, 2 और 3 उत्सर्जन?
स्कोप 1- कंपनी की प्रत्यक्ष गतिविधियों से होने वाले उत्सर्जन ;जैसे उत्पादन इकाइयों से निकलने वाली गैसेंद्ध।
स्कोप 2- ऊर्जा उपभोग से होने वाला अप्रत्यक्ष उत्सर्जन।
स्कोप 3- कच्चे माल की आपूर्ति, परिवहन, वितरण और उपभोक्ता उपयोग जैसी संपूर्ण वैल्यू-चेन से होने वाला उत्सर्जन।
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि जिन ब्रांड्स ने आंशिक जानकारी साझा की, उनमें से अधिकतर केवल  स्कोप 1 और स्कोप 2 तक सीमित हैं। जबकि वैश्विक स्तर पर फैशन उद्योग का 70 प्रतिशत से अधिक कार्बन प्रभाव स्कोप 3 से आता है कृ यानी वह हिस्सा जिसे अधिकांश कंपनियाँ छिपा रही हैं।
‘फैशन रिवोल्यूशन ब्राजील’ के निदेशक के अनुसार, ‘यह पारदर्शिता की कमी सिर्फ पर्यावरणीय नहीं बल्कि नैतिक समस्या भी है। उपभोक्ताओं को यह जानने का अधिकार है कि उनके कपड़े किस कीमत पर कृपर्यावरण और समाज दोनों के लिए बनाए जा रहे हैं।’
रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि केवल 12 प्रतिशत ब्रांड ही अपनी सप्लाई-चेन फैक्ट्री सूची को सार्वजनिक करते हैं, और उनमें से भी बहुत कम कंपनियाँ अपने श्रमिक वेतन, जल उपयोग या ऊर्जा स्रोतों पर डेटा देती हैं।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
यह निष्कर्ष ऐसे समय आया है जब यूरोप, अमेरिका और एशिया में ब्राण्ड्स पर ‘ईएसजी’ रिपोर्टिंग को अनिवार्य बनाया जा रहा है। वहीं, ब्राज़ील जैसे उभरते बाजारों में यह पारदर्शिता अभी शुरुआती स्तर पर है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ब्राज़ीलियाई फैशन कंपनियाँ अपने उत्सर्जन डेटा और आपूर्ति श्रृंखला को पारदर्शी नहीं बनातीं, तो आने वाले वर्षों में उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार और निवेश प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
‘फैशन ट्रांसपरेन्सी इण्डेक्स ब्राजील 2025’ यह स्पष्ट करता है कि ब्राज़ील का फैशन उद्योग अभी भी सस्टेनेबिलिटी और जवाबदेही के मानकों से काफी पीछे है और अगर इसे बदलना है, तो पारदर्शिता ही उसका पहला कदम होना चाहिए।

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